जनसुनवाई: कोरोना में एकल हुई महिला समस्या का मुद्दा उठा, अधिकारियों ने योजनाएं बताईं
- अधिकारियों ने दिए सवालों के जवाब
- महिलाओं ने समस्याओं से कराया अवगत
डिजिटल डेस्क, नागपुर | कोरोना एकल महिला पुनर्वास समिति एवं भारतीय ग्रामीण आदिवासी विकास संस्थान की ओर से राइट आर्क ऑडिटोरियम, नागपुर में ज्योत्सना कांबले की अध्यक्षता में कोरोना एकल महिलाओं की जनसुनवाई का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि देवेन्द्र गाडे सामाजिक न्याय विभाग मनपा थे। प्रतिभा पाटिल कौशल्या विकास अधिकारी, चक्रवर्ती उके अन्नाभाऊ साठे महामंडल, गणेश कोल्हटकर, हेमंत वाघमारे और मीनाज दांधला, राजाभाऊ टकसाले, दीपाली ब्राह्मणकर, विलास भोंगाडे मुख्य रूप से उपस्थित थे।
सरकार को नीतियां और योजनाएं तय करना जरूरी है
इस दौरान सुजाता भोंगाड़े ने कहा कि, देश में कोरोना महामारी बीमारी की शुरुआत मार्च 2020 से हुई थी। इसके कारण काम-काज बंद हो गए। कोरोना से लोगों की मौत हो गई है। अनेक महिलाओं के पति की मौत हो गई है। इस वजह से महिलाएं अकेली हो गई हैं। अकेली महिलाएं अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे करें यह सवाल उनके सामने खड़ा था।
स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में दिक्कतें
एकल महिलाओं को अपने बच्चों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में दिक्कतें आने लगी हैं। उनके सामने रोजगार पाने की बड़ी अपील है। सरकार को इनके लिए कुछ नीतियां और योजनाएं तय करते हुए वित्तीय सहायता प्रदान करना भी जरूरी है।
महिलाओं ने समस्याओं से कराया अवगत
जनसुनवाई में कोरोना एकल महिलाएं अपनी-अपनी समस्याएं रखीं। इस दौरान महिला बाल विकास अधिकारी, मनपा, संजय गांधी निराधार योजना के अधिकारी, संगठन, संस्था और कार्यकर्ता उपस्थित थे। इन्होंने चर्चा की और सवालों के जवाब दिए।
कोरोना से पीड़ित महिलाओं ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में वैशाली बुराडे, पूर्णिमा शेंडे, नालू मानकर वैशाली बडवे, सोनाली शेंडे, सोनाली खोबरागड़े, हेमलता गंटाले, ज्योति मेश्राम शामिल हुईं। संचालन अर्चना भगत ने किया कार्यक्रम। आभार प्रदर्शन स्वाति राऊत ने किया।