विवाद: संविदा शिक्षकों की नियुक्ति का पेंच सुलझने की जगह और उलझा
सरकार ने मानधन तो मंजूर किया, पर रिटायर्ड शिक्षकों की नियुक्ति की शर्त रख दी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद शिक्षा विभाग में शिक्षकों के रिक्त पदों पर संविदा शिक्षकों की नियुक्ति का पेंच सुलझने की जगह और उलझ गया है। जिप ने खनिज निधि से संविदा शिक्षकों का मानधन चुकाने की सरकार से तकनीकी मंजूरी मांगी थी। सरकार ने रिटायर्ड शिक्षकों की नियुक्ति करने पर खनिज निधि से मानधन अदा करने की मंजूरी प्रदान की। जिप स्थानीय सुशिक्षित बेरोजगारों को शिक्षक स्वयंसेवक नियुक्त करना चाहती है, लेकिन रिटायर्ड शिक्षकों को संविदा तत्व पर नियुक्ति का आदेश जारी करने से रिक्त पदों पर नियुक्ति मामले में नया पेंच फंस गया है।
शिक्षकों के 928 पद रिक्त : जिप के 1515 स्कूलों में शिक्षकों के साढ़े चार हजार पद मंजूर हैं। 12 वर्षों से शिक्षक भर्ती नहीं हुई है। इस दौरान सेवानिवृत तथा स्वैच्छा से सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों के 928 पद रिक्त हैं। जिप ने 89 संविदा शिक्षकों की नियुक्ति की है। उन्हें सेस फंड से मानधन देने का प्रावधान किया है। जहां अत्यावश्यक है, वहां संविदा शिक्षकों की नियुक्ति की है। सभी रिक्त पदों पर संविदा शिक्षकों को नियुक्त करने जिप सक्षम नहीं है, इसलिए नियुक्ति के लिए खनिज निधि से मानधन पर खर्च करने की सरकार से मंजूरी मांगी थी, लेकिन सरकार ने भी संविदा शिक्षकों के मानधन पर खनिज निधि खर्च करने की मंजूरी दे दी, लेकिन सेवानिवृत्त शिक्षकों की संविदा तत्व पर नियुक्ति की शर्त डाल दी है।
सेवानिवृत्त शिक्षक इच्छुक नहीं : राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त शिक्षकों को संविदा तत्व पर नियुक्ति की अनुमति दी, लेकिन सेवानिवृत्त शिक्षक इच्छुक नहीं है। राज्य सरकार का फरमान जारी होने पर जिप शिक्षा विभाग ने सेवानिवृत्त शिक्षकों से आवेदन मंगवाए थे, लेकिन 15 ही आवेदन प्राप्त हुए हैं।
जिप चाहती है स्थानीय बेरोजगारों को अवसर मिले : सेवानिवृत्त शिक्षकों का नियुक्ति को प्रतिसाद नहीं है। सरकार ने उनका मानधन 20 हजार रुपए तय किया है। जिप स्थानीय सुशिक्षित बेरोजगारों को प्रतिमाह 5 हजार रुपए मानधन पर नियुक्ति करना चाहती है। अब जिप ने सरकार से सेवानिवृत्त शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय रद्द कर स्थानीय सुशिक्षित बेरोजगारों को नियुक्ति की अनुमति मांगी है।
विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान : राज्य सरकार और जिला परिषद के बीच संविदा शिक्षक नियुक्ति का पेंच फंसने से विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान हो रहा है। इस पेंच से बाहर निकलकर रिक्त पदों पर जल्द से जल्द शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग पालकों में जोर पकड़ रही है।