ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण को लेकर ड्रीम ट्रस्ट की पहल, प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे बच्चे
- बच्चों को ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण से रूबरू कराना
- ड्रीम ट्रस्ट की प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे बच्चे
- पर्यावरण संरक्षण को लेकर ड्राइंग, पेंटिंग, मॉडल, पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में ड्रीम ट्रस्ट संस्था की ओर से एक प्रतियोगिता आयोजित की गई है। जिसका उद्देश्य बच्चों को ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण से रूबरू कराना है। इसी विषय पर 6 से 18 साल तक के बच्चे प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं। जिसमें उन्हें ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण को लेकर ड्राइंग, पेंटिंग, मॉडल, पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन या वीडियो बनाकर देना होगा। जिसकी अंतिम तारीख 30 अगस्त है। बच्चों को प्रोजेक्ट पर अपना नाम लिखकर तय समय तक जमा करना होगा। खासबात है कि इस प्रतियोगिता में टाइप बन (डायबिटीज) के बच्चे भी शामिल हो रहे हैं, जिनकी ट्रस्ट समय समय पर मदद करता है।
क्या है ड्रीम ट्रस्ट
डॉक्टर को भगवान कहा जाता है और यह अपने आप में एक बड़ा सेवा कार्य है। डॉ. शरद पेंडसे का स्थापित किया ड्रीम ट्रस्ट इसकी बानगी भर रहा है। जिसे जानेमाने मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. शरद पेंडसे ने खुद साकार किया, ताकि जरूरतमंद परिवारों तक मदद का हाथ पहुंच सके। ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य मधुमेह से पीड़ित जरूरतमंद बच्चों की मदद करना है। उन्हें इलाज के लिए इंसुलिन इंजेक्शन, सीरिंज और अन्य आवश्यक मदद दी जाती है। लड़कियों को उचित प्राथमिकता मिलती है। डॉ. शरद पेंडसे ने जर्मनी, क्रोएशिया और यूके में प्रशिक्षण प्राप्त किया था। उन्होंने दो किताबें लिखीं - प्रैक्टिकल रबर ऑफ स्कॉर्स, और डायबिटिक फुट - एक्लिटल एटलस, और इस विषय पर कई लेख लिखे। वे नहीं चाहते थे कि इलाज के आभाव में टाइप वन बच्चों की जान पर बन आए। उनके बाद बेटे डॉ. संकेत पेंडसे सेवा भाव की इस अमूल्य विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
मरीज़ों के लिए इंसुलिन शॉट्स लेना अनिवार्य होता है। इंसुलिन की एक निश्चित मात्रा स्किन में इंजेक्शन की मदद से दी जाती है। टाइप 1 डायबिटीज है, तो अपने रक्त में ग्लूकोज़ के स्तर की नियमित रूप से जांच करने की आवश्यकता होती है। ताकि पता लगाया जा सके कि, शरीर को कितने इंसुलिन की आवश्यकता है।
डॉ. संकेत पेंडसे के मुताबिक भोजन के आधार पर आपका ब्लड शुगर लेवल घटता-बढ़ता है। इसीलिए, डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए संतुलित मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन और फैट्स का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा सही डायट प्लान करें।
कुछ खास टिप्स
रोज़ाना फाइबर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
कार्बोहाइड्रेट्स की सही मात्रा चुनें।
अनहेल्दी कार्ब्स खाने से बचें।
फैट्स के सेवन से बचें।
डायट में शामिल करें सुपरफूड्स
बीन्स
हरी पत्तेदार सब्ज़ियां
खट्टे फल
शकरकंद
बेरीज़
टमाटर
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स वाली मछलियां
साबुत अनाज
नट्स
फैट-फ्री दही और दूध