छन से जो टूटे कोई सपना: ब्रेकअप हुआ तो युवा अस्पताल पहुंच जाते हैं टैटू मिटाने, स्किन एक्सपर्ट ने कहा - बरतें सावधानी

  • मेडिकल के स्किन डिजीज डिपार्टमेंट में युवाओं की संख्या बढ़ी
  • ब्रेकअप के बाद मिटाते हैं टैटू
  • स्किन एक्सपर्ट ने सावधानी बरतने की सलाह दी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-18 15:54 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। छन से जो टूटे कोई सपना, जग सूना सूना लागे.....ब्रेकअप के बाद युवाओं के अंदर इस तरह की कई भावनाएं सामने आती हैं। दुख के साथ उदासी, गुस्सा और तनाव, इसी के बाच युवा उन निशानियों को मिटाने लगते हैं, जो कभी क्रश के लिए बनवा लेते हैं। उनमें जो निशानियां सबसे ज्यादा मिटाइ जा रही हैं, वो हैं टैटू और इसके बाद जो स्किन को तकलीफ होती है, वो भी अलग है। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) के स्किन डिजीज डिपार्टमेंट में ऐसे युवाओं की संख्या बढ़ रही है। जहां हर महीने 12 युवा टैटू मिटाने के लिए आते हैं। इनमें 5 युवा ब्रेकअप वाले होते हैं। त्वचा रोग विभाग में लेजर टैटू रिमूवल मशीन की मदद से टैटू मिटाया जाता है। इसके लिए मरीज को 4 से 5 बार आना पड़ता है।


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सूत्रों के अनुसार टैटू मिटाने आनेवाले युवाओं में उन युवाओं की संख्या भी अच्छी खासी है, जो हाथ पर प्रेमिका का लिखा नाम मिटवाने आते हैं, तो किसी के हाथ पर प्रेमी का नाम लिखा होता है। किसी की गर्दन पर कोई निशान होता है। इसके अलावा कहीं तो भगवान या प्रेम का प्रतीक कोई चिह्न होता है। इन प्रेमियों का जब ब्रेकअप होता है, तो सारी यादें मिटाने अस्पताल आते हैं। इसमें टैटू भी शामिल होता है। टैटूओं को मिटाने के लिए त्वचा रोग विभाग में पहुंचते हैं।


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जो युवा सेना में शामिल होना चाहते है, वे भी टैटू मिटाने के लिए विभाग में पहुंचते है। पहले तो वे सेना में भर्ती होने की पूरी तैयारी करते हैं। जब वे परीक्षा देने पहुंचते हैं, तो उन्हें पता चलता है कि सेना में टैटू वाले युवाओं को नौकरी पर नहीं रखा जाता। ऐसे में वे टैटू मिटाने का निर्णय लेते हैं। इस कारण यह युवा भी त्वचा रोग विभाग में पहुंचते है। सूत्रों के अनुसार विभाग में हर महीने लगभग 7 मरीज आते हैं।


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सावधानी नहीं बरती तो खतरा

त्वचा रोग विभाग के सूत्रों के अनुसार टैटू बनाने के चक्कर में संक्रमण का खतरा बना रहता है। टैटू की स्याही से त्वचा पर एलर्जी हो सकती हैं। टैटू वाली जगह पर खुजली होने की संभावना अधिक होती है। एक्पर्ट को छोड़कर दूसरे के हाथों से टैटू बनवाने से खतरा हो सकता है। कभी-कभी टैटू की स्याही के आसपास सूजन हो सकती है। इसे ग्रैनुलोमा कहा जाता है। यदि टैटू बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण पर संक्रमित रक्त लगा है, तो रक्त के माध्यम से फैलने वाली बीमारियां हो सकती हैं। टैटू बनाने से लिए सीलबंद सुई, गुणवत्तायुक्त स्याही का उपयोग होना चाहिए। 


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