चीन में तीरंदाजी: स्वर्ण पदक की हैट्रिक, ओजस ने रचा इतिहास, नागपुर में सब दे रहे बधाइयां
- अभिषेक वर्मा को 149-147 से हराकर किया पदक पर कब्जा
- ज्योति वेन्नम के साथ 3 स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे तीरंदाज बने
डिजिटल डेस्क, नागपुर. युवा विश्व विजेता तीरंदाज ओजस देवतले ने अपनी लय को जारी रखते हुए एशियाई खेलों की तीरंदाजी में श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक की हैट्रिक पूरी की। इस प्रदर्शन के साथ ओजस ने अपने प्रदर्शन को इतिहास के पन्नों पर दर्ज कर दिया। ज्योति वेन्नम के बाद स्वर्ण पदक की तिकड़ी जमाने वाले ओजस एकमात्र खिलाड़ी बने। शनिवार को खेले गए पुरुष कंपाउंड के निजी वर्ग के मुकाबले में ओजस ने अनुभवी अभिषेक वर्मा को 149-147 अंक से शिकस्त देकर नागपुर को एक बार फिर गौरवान्वित कर दिया। गुरु और शिष्य के मुकाबले में 21 वर्ष के विश्व चैम्पियन देवतले ने 34 वर्ष के अभिषेक वर्मा पर रोमांचक जीत दर्ज की। बर्लिन में विश्व खिताब जीतने वाले देवतले पुरुष टीम और मिश्रित युगल स्वर्ण जीतने के मामले में पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं।
पीछे मुड़कर नहीं देखा
चीन में आयोजित एशियाई खेलों में ओजस ने ज्योति वेन्नम के साथ मिश्रित युगल का स्वर्ण पदक जीतकर अपना खाता खोला। उन्होंने इस प्रदर्शन के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपनी फॉर्म को लगातार बरकरार रखा और एक के बाद एक तीन स्वर्ण पदक पर कब्जा जमा लिया।
ओजस ने अपना दूसरा स्वर्ण पदक पुरुष टीम कंपाउंड मुकाबले में हासिल किया। दो स्वर्ण पदक जीतने के बाद भी ओजस ने खुद को फोकस्ड रखा और अपना पूरा ध्यान निजी मुकाबलों के स्वर्ण पदक पर बनाया रखा।
ओजस के लिए शनिवार का दिन काफी अहम रहा और पुरुष कंपाउंड के निजी मुकाबलों में स्वर्ण पदक जीतने के लिए उन्होंने खुद को तीरंदाजों की विशेष श्रेणी में शामिल कर लिया।
ऐस बढ़े कदम : 19वें एशियाई खेलों में बुधवार को ओजस ने कंपाउंड मिश्रित स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था। ओजस ने ज्योति वेन्नम के साथ फाइनल में दक्षिण कोरिया के सो चायवान और जू जायेहून की जोड़ी को 159-158 से शिकस्त दी थी। वहीं गुरुवार को ओजस ने अभिषेक वर्मा और बुलढाणा के प्रथमेश जावकर के साथ पुरुष कंपाउंड तीरंदाजी में दक्षिण कोरिया को 235-230 के अंतर से हराकर इस स्पर्धा का अपना दूसरा स्वर्ण पदक जीता था।
फोकस्ड होकर लगाए शॉट्स : एशियाई खेलों की तीरंदाजी में तीसरा स्वर्ण पदक जीतने के बाद अपने परिवार से बात करते हुए ओजस ने कहा कि स्पर्धा के दौरान मेरा लक्ष्य केवल स्वर्ण पदक पर था। परिवार के हवाले से दी गई जानकारी के अनुसार, ओजस ने कहा कि मैंने फोकस्ड होकर शॉट्स लगाए। जब यह तय हो गया कि खिताबी भिड़ंत दोनों भारतीय खिलाड़ियों में होने वाली है, तब मेरे ऊपर से अतिरिक्त दबाव हट गया। मैंने शांत मन से तीरंदाजी की। मुझे स्वर्ण पदक जीतने का पूरा विश्वास था और परिस्थिति ने मेरा साथ दिया। खुशी को बता पाने के लिए शब्द नहीं, देश के लिए तीन स्वर्ण पदक जीता, यह अहम है।