उपलब्धि: नागपुर से केंद्रीय मंत्री बनने की हैट्रिक, गडकरी निभा सकते हैं अहम भूमिका
- चौथे क्रमांक पर थे गडकरी
- शपथ ग्रहण में नागपुर के लोको पायलट को निमंत्रण
- शहर में मनाया उत्सव
डिजिटल डेस्क, नागपुर, रघुनाथसिंह लोधी | केंद्रीय मंत्रिमंडल में नितीन गडकरी तीसरी बार शामिल हुए। उन्होंने नागपुर से केंद्रीय मंत्री बनने की हैट्रिक बनाई है। इससे पहले भी केंद्र में नागपुर को प्रतिनिधित्व मिलता रहा है, लेकिन इस तरह लगातार प्रतिनिधित्व का अवसर नहीं मिला था। यह भी माना जा रहा है कि इस कार्यकाल में गडकरी की राजनीतिक भूमिका और अधिक महत्व की रह सकती है। एनडीए के सहयोगियों से तालमेल बनाए रखने में वे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। गडकरी को केंद्रीय मंत्री बनाए जाने पर शहर व जिले में कई स्थानों पर आतिशबाजी के साथ उत्सव मनाया गया। इससे पहले डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में नागपुर जिले से मुकुल वासनिक व विलास मुत्तेमवार केंद्रीय मंत्री बने थे। उसमें भी केवल वासनिक कैबिनेट मंत्री थे। रामटेक से सांसद रहे पीवी नरसिम्हाराव प्रधानमंत्री बने थे, लेकिन नागपुर से केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बनने का कम ही मौका देखा गया।
मिलती रही है चुनौतियां
विकास की राजनीति के मामले में गडकरी का नाम गिनाया जाता है। उन्हें पुलकरी, रोडकरी भी कहा जाता रहा है। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें विविध सम्मान भी मिले हैं, लेकिन उन्हें राजनीतिक चुनौतियां भी मिलती रही हैं। गडकरी की मां भानुताई जनसंघ की कार्यकर्ता थीं। उनके नेतृत्व में कामठी, खापा, सावनेर क्षेत्र में जनसंघ ने उस समय बेहतर चुनावी प्रदर्शन किया था, जब कांग्रेस व अन्य दलों का एकतरफा दबदबा था। गडकरी अक्सर कहते हैं कि उन्हें राजनीतिक कार्य का संस्कार मां से मिला है। 1977 में आपातकाल के समय नागपुर के कारागृह में जनसंघ, समाजवादी सहित अन्य विचारों को मानने वाले कई सत्याग्रही कैद थे। गडकरी उन कैदियों के लिए कारागृह तक भोजन पहुंचाने वाले युवाओं में शामिल रहे हैं। 1985 में उन्होंने पश्चिम नागपुर से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस के गेव आवारी से पराजित हो गए। 1989 से 2008 तक विधान परिषद की नागपुर स्नातक सीट से चुनाव जीते। 2002 में इस क्षेत्र से उन्होंने निर्विरोध चुनाव जीता था, लेकिन 2008 में उन्हें राजनीतिक घेराबंदी का सामना करना पड़ा। 1995 में शिवसेना के नेतृत्व की युति सरकार के मंत्रिमंडल में गडकरी को स्थान नहीं मिल पाया था। मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें शामिल किया गया। 2012 में उन्हें दोबारा भाजपा अध्यक्ष बनाने के लिए भाजपा ने संगठनात्मक संविधान बदला, लेकिन वे दोबारा अध्यक्ष नहीं बन पाए।
चौथे क्रमांक पर थे गडकरी
शपथ ग्रहण समारोह में नितीन गडकरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चौथे क्रम में बैठे थे। मोदी के बाद राजनाथ सिंह, अमित शाह व गडकरी ने मंत्री पद की शपथ ली। 2019 में भी शपथ ग्रहण का यही क्रम था। शहर में गडकरी के शपथ ग्रहण को लेकर काफी उत्सुकता रही। टीवी व डिजिटल स्क्रीन पर समारोह देखा गया। समारोह में कुछ नेताओं के चेहरों पर अधिक खुशी नहीं थी। गडकरी भी कम ही मुस्कुराते हुए दिखे। मोदी, राजनाथ सिंह, शाह ने मंत्रियों का अभिवादन खड़े होकर स्वीकार किया। गडकरी व जेपी नड्डा कम ही खड़े नजर आए।
अन्य दलों से अच्छे संबंध
गडकरी ने भाजपा के अध्यक्ष पद पर रहते हुए अन्य दलों के नेताओं से भी अच्छे राजनीतिक संबंध बनाए। ममता बैनर्जी, नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, शरद पवार, उद्धव ठाकरे सहित सर्वदलीय नेताओं से गडकरी के संबंधों को उनकी राजनीतिक कुशलता का हिस्सा कहा जाता है। गठबंधन की राजनीति में वे भाजपा के लिए कथित तौर पर ‘हुकुम का इक्का’ साबित हो सकते हैं।
शहर में मनाया उत्सव
शहर प्रतिनिधि | नागपुर. केंद्रीय मंत्रिमंडल में नितीन गडकरी को तीसरी बार शामिल किए जाने पर भाजपा व महायुति के कार्यकर्ताओं ने उत्सव मनाया। मुख्य कार्यक्रम बड़कस चौक में हुआ। विधानपरिषद सदस्य प्रवीण दटके, पूर्व विधानपरिषद सदस्य गिरीश व्यास सहित अन्य नेताओं की उपस्थिति में कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़कर खुशी व्यक्त की। पूर्व नागपुर स्थित वैष्णोदेवी चौक में उत्सव प्रदर्शन में सेतराम सेलोकर सहित अन्य कार्यकर्ता थे। नाइक तालाब चौक, रेडिसन ब्लू चौक सहित अन्य स्थानों पर भी आतिशबाजी की गई। हितेश जोशी, मनोज अग्रवाल, चंदन गोस्वामी, महेंद्र कटारिया, विनोद कन्हेरे, श्रीकांत आगलावे, किशोर पलांदूरकर, छोटू बोरीकर, मनीष मेश्राम, इंद्रजीत वासनिक, दिलीप गौर, संजय पांडेय, खेमराज दमाहे सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल थे।
शपथ ग्रहण में नागपुर के लोको पायलट को निमंत्रण
नागपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहहण समारोह में उपस्थित रहने का विशेष निमंत्रण सहायक लोको पायलट स्नेह सिंह बघेल को भी मिला। इस सम्मान के कारण दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में रविवार को आनंदोत्सव मनाया गया। गोंदिया निवासी बघेल दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में कार्यरत हैं। नागपुर बिलासपुर मार्ग पर दौड़ने वाली वंदे भारत में वे सेवारत हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्य को कनेक्ट करती है। 11 दिसंबर 2022 को नागपुर स्टेशन से इस गाड़ी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी। उस समय शुभारंभ की स्पेशल फेरी में चालक दल में बघेल थे। उनकी यह कनेक्टिविटी रविवार को दिल्ली में हुए प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में साक्षी बनने का अवसर बनी। दपूम रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्फत बघेल को निमंत्रण मिलने पर वंदे भारत और दपूम रेलवे के अधिकारी, कर्मचारियों ने आनंद व्यक्त किया।