नागपुर: कांग्रेस को 7 सीटों पर समर्थन का प्रस्ताव भेजा था, दो पर ही रजामंद - आंबेडकर
- स्थापित दलों में विस्थापितों के लिए स्थान नही
- कांग्रेस या राकांपा को नुकसान के दावे निराधार
डिजिटल डेस्क, नागपुर. महाविकास आघाड़ी के साथ गठबंधन को लेकर अनुकूल संवाद नहीं हो पाने से वंचित बहुजन आघाड़ी को अलग से चुनाव लड़ना पड़ रहा है। वंचित आघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने कहा है कि महाविकास आघाड़ी के प्रमुख तीन दलों में विवाद चल रहा है। सीटों को लेकर समाधानकारक चर्चा नहीं हो पाई, इसलिए वंचित आघाड़ी ने नई भूमिका अपनाई। महाविकास आघाड़ी में कई स्थानों पर फ्रेंडली मुकाबला होगा। वंचित आघाड़ी ने कांग्रेस को 7 सीटों पर समर्थन देने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन कांग्रेस ने दो सीट पर ही समर्थन मांगा, इसलिए उसे नागपुर व कोल्हापुर में समर्थन दिया गया है।
स्थापित दलों में विस्थापितों के लिए स्थान नही
आंबेडकर ने कहा कि स्थापित दलों में विस्थापितों के लिए स्थान नहीं है। कांग्रेस, राकांपा व शिवसेना ही नहीं भाजपा में विस्थापित अर्थात समाज के कमजोर वर्ग के प्रतिनिधित्व को महत्व नहीं मिल रहा है। वंचित अाघाड़ी में विस्थापितोें को स्थान है, इसलिए उसे राजनीति से दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है। रविवार को पत्रकार वार्ता में आंबेडकर बोल रहे थे। उन्होंने दावा किया कि पूर्व विदर्भ में लोकसभा की 4 सीटों पर वंचित आघाड़ी व भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होगा। वंचित आघाड़ी के जनाधार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
कांग्रेस या राकांपा को नुकसान के दावे निराधार
वंचित आघाड़ी के कारण कांग्रेस या राकांपा को नुकसान के दावे निराधार हैं। 2019 के चुनाव में वंचित आघाड़ी को कांग्रेस व राकांपा के कारण 8 सीटों पर नुकसान हुआ। वंचित आघाड़ी ने 12 सीटों पर उम्मीदवारी मांगी थी, कांग्रेस-राकांपा एक भी सीट छोड़ने को तैयार नहीं थी।
इस बार सीट साझेदारी के लिए आरंभिक चर्चा के समय वंचित आघाड़ी ने कांग्रेस को राज्य में लोकसभा की 48 में से 27 सीटों की स्थिति के बारे में प्रस्ताव भेजा था, लेकिन कांग्रेस ने उस संबंध में कोई संवाद ही नहीं किया। पत्रकार वार्ता में प्रियदर्शी तेलंग, सर्वजीत बंसोडे, डॉ.रमेश गजबे उपस्थित थे।