नागपुर: सरकार ने सपने दिखाकर आवेदन मंगवाए, ठंडे बस्ते में डाल दी प्रक्रिया

  • अतिरिक्त जिम्मेदारी से प्रभावित हो रहा अध्यापन
  • सरकार ने सपने दिखाए
  • सपने दिखाकर आवेदन मंगवाए

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-31 14:10 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सभी को शिक्षा मिलनी चाहिए, इस नेक इरादे से हर गांव में स्कूल खोले गए। जिस स्कूल में पढ़-लिखकर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे बड़े-बड़े ओहदों पर पहुंचे, वही स्कूल आज शिक्षकों के अभाव में बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं। जिला परिषद के ऐसे अनेक स्कूल हैं, जहां शिक्षक नहीं हैं। स्कूलों को शिक्षकों का इंतजार है और सरकार को शिक्षक भर्ती का मुहूर्त नहीं मिल रहा है। शिक्षकों की भर्ती के सपने दिखाकर पवित्र पोर्टल पर आवेदन मंगवाए गए। आवेदन के नाम पर करोड़ों रुपए सरकारी तिजोरी में जमा करने के बाद भर्ती प्रक्रिया ठंडे बस्ते में डाल दी गई है।

12 साल से शिक्षक भर्ती नहीं : जिला परिषद में शिक्षकों की भर्ती 12 साल से नहीं हुई। इस बीच, सेवानिवृत्ति तथा अन्य कारणों से नागपुर जिला परिषद में शिक्षकों के 880 पद रिक्त हो गए। हर महीने 20-22 शिक्षक नियुक्त होने से रिक्त पदों का बोझ बढ़ रहा है। जिप में सहायक शिक्षक 608, स्नातक भाषा शिक्षक 159, स्नातक विज्ञान शिक्षक 57, स्नातक सामाजिक शास्त्र शिक्षक 15 पद रिक्त हैं। सरकार नई भर्ती के आश्वासन पर आश्वासन देकर टाइम पास कर रही है।

पर्यवेक्षकीय पद भी रिक्त

शिक्षकों के अलावा पर्यवेक्षकीय पद भी बड़ी संख्या में रिक्त हैं। मुख्याध्यापकों के 32, केंद्र प्रमुख 26, शिक्षण विस्तार अधिकारी के 36 पद रिक्त हैं। शिक्षा विभाग में सभी संवर्ग के मिलाकर 4768 पद मंजूर हैं, उसमें से 3 हजार 853 पद कार्यरत हैं। 915 पद रिक्त हैं।

30 हजार पद भरने की घोषणा

राज्य सरकार ने संपूर्ण राज्य में शिक्षकों के 30 हजार पद भरने की घोषणा की है। राज्य स्तर पर भर्ती प्रक्रिया करने का निर्णय लेकर पवित्र पोर्टल पर चार महीने पहले आवेदन मंगवाए गए। उसके बाद भर्ती प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी।

विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान

स्कूलों में शिक्षक नहीं रहने से विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में भी अंगरेजी स्कूलों ने जाल फैलाया है। जिला परिषद स्कूल शैक्षणिक गुणवत्ता में पिछड़ जाने से विद्यार्थी संख्या तेजी से कम हो रही है। सरकारी उदासीनता के चलते जिला परिषद के शिक्षा विभाग का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।

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