नई पहल...: विदर्भ में वन संरक्षण के लिए जल्द ही मिलेंगे विशेषज्ञ

ताड़ोबा, पेंच, नागझिरा, करांडला, मेलघाट, बोर सहित 9 जगह जंगल संरक्षित

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-14 05:12 GMT

डिजिटल डेस्क,, नागपुर। ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व की सबसे बड़ी समस्या बन गई है। इसके लिए वन एवं पर्यावरण का संरक्षण और संवर्धन करना जरूरी हो गया है। नागपुर ओर विदर्भ की बात करें तो, यह पूरा भू-प्रदेश वन संपदा से आच्छादित है। ताड़ोबा, पेंच, नागझिरा, करांडला, मेलघाट, बोर ऐसे कुल 9 जगह जंगल संरक्षित रखा गया है। इसलिए विदर्भ में वन, वन्य जीव, जैव विविधता और पारिस्थितिकी में पर्यावरण अध्ययन के लिए स्वतंत्र विभाग की आवश्यकता को ध्यान में लेते हुए नागपुर विद्यापीठ में \"एमबीए इन फॉरेस्ट मॅनेजमेंट' यह नया कोर्स शुरू करने के लिए राज्यपाल नाम निर्देशित पर्यावरण क्षेत्र सीनेट सदस्य राज मदनकर ने यह प्रस्ताव रखा था। हाल ही में हुए सीनेट बैठक में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई है। इस कारण अब जल्द ही विदर्भ में वन, पर्यावरण संरक्षण, संवर्धन के लिए विशेषज्ञ मिलने वाले हैं।

इन विषयों का होगा समाधान : देश में फिलहाल इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट (आयआयएफएम) भोपाल, आईआईएफएम मुंबई और टीईआरआई द एनर्जी रिसोर्स इन्स्टिट्यूट दिल्ली इन तीन ही जगह \"एमबीए इन फॉरेस्ट मैनेजमेंट' की पढ़ाई हो रही है। विद्यापीठ में स्थानीय समस्याओं के समाधान को लेकर पाठ्यक्रम पढ़ाना चाहिए, इस पर नई शिक्षा नीति ने जोर दिया है। आज नागपुर और विदर्भ में वन, वन्य जीव, जैव विविधता, पर्यावरण का संरक्षण और संवर्धन करना बड़ी चुनौती है। अगर इस विषय के विशेषज्ञ तैयार हों और उनके द्वारा विदर्भ के वन संरक्षण, प्रबंध के लिए नई नीतियां बनाई जाएं, इन्हें स्थानीय स्तर पर क्रियान्वित किया जाए तो आनेवाली समस्याओं का समाधान खोजा जा सकता है। साथ ही रोजगार भी उपलब्ध हो इस मूल उद्देश्य से राज मदनकर ने आईआईएफएम भोपाल, मुंबई और दिल्ली की तर्ज पर नागपुर विद्यापीठ में भी यह पाठ्यक्रम शुरू हो यह मांग को लेकर यह सीनेट बैठक में प्रस्ताव रखा था, जिसे अब हरी झेंडी मिल चुकी है।

देश भर से छात्र प्रवेश ले सकेंगे : राज मदनकर ने बताया कि, साइन्स और पर्यावरण साइन्स में डिग्री पूरी करने वाले छात्रों को \"एमबीए इन फॉरेस्ट मैनेजमेंट' में प्रवेश मिलेगा। सभी मंजूरी मिलेने के बाद इसके लिए समिति का गठन करके पाठ्यक्रम बनाया जाएगा। यह पाठ्यक्रम पूरा करने वाले छात्रों को सरकारी एवं निजी क्षेत्र नौकरी मिले इस लिए सरकार, विभिन्न संस्था और संगठनों से समझौता करार भी किया जाएगा। विशेष बात यह है कि, नागपुर विद्यापीठ शुरू होने वाले \"एमबीए इन फॉरेस्ट मैनेजमेंट' में देश भर के छात्र प्रवेश ले सकेंगे।

विद्यापीठ की सकारात्मक पहल : राज मदनकर : राज मदनकर ने कहा कि, \"एमबीए इन फॉरेस्ट मैनेजमेंट' को सीनेट बैठक में सर्वसम्मति से मंजूरी मिलना यह नागपुर विद्यापीठ की सकारात्मक पहल है। इसके बाद मैनेजमेंट काउंसिल, एकेडेमिक काउंसिल, बोर्ड ऑफ स्टडीज की मंजूरी मिलने के बाद एक समिति का गठन करके कोर्स का पाठ्यक्रम बनाया जाएगा। आशा है 2024-25 के शैक्षणिक सत्र में यह पाठ्यक्रम छात्रों के लिए शुरू हो। नागपुर विद्यापीठ के शताब्दी महोत्सव के अवसर पर यह नया कोर्स शुरू होना निश्चित ही विद्यापीठ के लिए गौरवशाली बात होगी।

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