फर्जीवाड़ा: सीज कारों के फर्जी दस्तावेज बनाकर बेचने वाले गिरोह के तार इंदौर-नागपुर से जुड़े

  • इंदौर पुलिस की टीम पहुंची नागपुर, एक संदिग्ध हिरासत में
  • अन्य आरोपियों की तलाश में जगह-जगह दबिश
  • महंगी कारों के मालिक भी पहुंचे थे नागपुर
  • अंतरराज्यीय गिरोह का हो सकता है खुलासा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-06 17:06 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मध्य प्रदेश के इंदौर पुलिस की एक टीम फाइनेंस की गई महंगी कारों के सीज होेने पर उसके फर्जी दस्तावेज बनाकर उसे बेचने वाले गिरोह की तलाश में नागपुर में दाखिल हुई। पुलिस टीम ने गणेशपेठ इलाके से एक युवक को हिरासत में लिया है। युवक की निशानदेही पर इंदौर पुलिस ने लोधीपुरा, गंजीपेठ, भालदारपुरा सहित अन्य कई जगह पर दबिश दी, लेकिन आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिला। इंदौर पुलिस अपने साथ करीब 6 महंगी कारें भी लेकर आई थी, जिसमें फॉर्च्यूनर, रेंजरोवर, थार जैसे महंगे वाहनों का समावेश बताया गया है। इन कारों के मालिकों के भी नागपुर पहुंचने की चर्चा थी।

आरोप है कि आरोपियों के गिरोह में शामिल नागपुर के कुछ लोगों ने इंदोर में फाइनेंस की हुई महंगी कारों को सीज़ कराकर बिना फाइनेंस कंपनी में जमा कराए ही उसके फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच डाले। ऐसा ही एक मामला गणेशपेठ थानांतर्गत मिला है। हिरासत में लिए गए जाहिद अली नामक युवक ने खापरखेड़ा में एक व्यक्ति को करीब 5.20 लाख रुपए में थार कार बेचा है। पुलिस ने उस थार कार को गणेशपेठ थाने से कब्जे में लिया है। इस थार को जाहिद अली इंदिरा गांधी नगर के पास आदर्श नगर गणेशपेठ निवासी ने कमीशन के लालच में बिकवाया है। इंदौर पुलिस ने जाहिद अली को हिरासत में लेकर बाकी अन्य लोगों की तलाश में जुटी है।

कमीशन पर कारों का कारोबार

मुजफ्फर अली का कहना है कि उसका भाई जाहिद अली कमीशन पर कारें बेचने का काम करता है। वह दुर्घटनाग्रस्त, सीज या नीलामी में कारों की खरीदी कर उसे दुरुस्त कर बेचने का कारोबार करता है। उसे जीशान गाजी ने मध्य प्रदेश की थार कार क्रमांक एमएप 13 जेड जेे-4304 को बेचने के लिए कहा था। जीशान गाजी के कहने पर जाहिद अली ने थार को खापरखेड़ा में एक व्यक्ति को करीब 5.20 लाख रुपए में बेचा था। इस कार के दस्तावेज किसने और कैसे बनाए थे, इसकी तलाश में इंदौर पुलिस नागपुर में डेरा डाले हुए है।

इंदोर में आरोपियों के पकडे जाने की चर्चा

सूत्रों के अनुसार इंदोर में फाइनेंस की गई महंगी कारों को लोग किराए पर चलाते थे। गिरोह के सदस्य कारें किराए पर लेकर गायब हो जाते थे। वह कारों के फर्जी दस्तावेज बनाकर उसे सीज बताकर बेच देते थे। इसके अलावा सीज की गई कारों को फाइनेंस कंपनी को सूचित किए बिना भी बेचने का गोरखधंधा शुरू था। चर्चा है कि इंदौर में कुछ आरोपी पुलिस के हाथ लगे हैं। पूछताछ के दौरान नागपुर से सूत्र जुड़े होने की जानकारी के आधार पर इंदौर पुलिस की टीम नागपुर के गणेशपेठ पुलिस थाने पहुंची। वरिष्ठ थानेदार पंडित से मुलाकात कर आरोपियों की खोजबीन करने में मदद मांगी। 

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