आरटीई में फर्जीवाड़ा, 17 पालकों पर केस दर्ज, सालभर में 20 से ज्यादा प्रवेश रद्द

  • आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद
  • दलालों के जाल में फंसे कई लोग
  • फर्जी दस्तावेज मिलते ही निरस्त किए जा रहे प्रवेश

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-20 11:46 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शिक्षा अधिकार कानून (आरटीई) के अंतर्गत बालकों को स्कूल में प्रवेश दिलाने के लिए कुछ लोगों ने फर्जी दस्तावेज का उपयोग किया। शिक्षण विभाग की जांच में सत्यता सामने आने पर सीताबर्डी थाने में 17 पालकों पर मामला दर्ज किया गया। जिन पालकों पर यह मामला दर्ज हुआ है, उनमें कमराम समस, मो. बशीर, यश अरोरा, सूरज घोडके, मो. सुलेमान अली, खान शाहबाज पीर, सलीम बेग अजीम बेग, मनीष शहाणे, शरद देवधणे, रशीद अमीन, शहबाज नियाज पीर खान, तारदेव पवार, शेख एडी जावेद, शामशंकर सत्यनारायण पांडे, बृजकुमार लक्ष्मीनारायण चतुर्वेदी, मो. इरशाद मो. इकबार शरीक, अनूप किशोर गणात्रा आदि का समावेश है। आर्थिक कमजोर पालक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ा सकें, इसके लिए राज्य शासन ने आरटीई अंतर्गत स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू की है। 25 प्रतिशत कोटा एससी, एसटी के साथ ही अन्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए सीट आरक्षित रखा गया है। इसके लिए शिक्षण विभाग की ओर से ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई है। इस योजना में 3 किलोमीटर के दायरे वाली निजी स्कूल में उस परिसर के विद्यार्थी के प्रवेश के लिए अावेदन भरने का नियम है। इसके लिए विद्यार्थी का आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र व पालकों के आय का प्रमाणपत्र देना पड़ता है। इस योजना में नियम व शर्ते हैं। इसमें से कुछ दस्तावेज की कमी होने के बाद भी दलालों के मार्फत प्रवेश मिलने में सफल होने का मामला सामने आया है। शिक्षण विभाग के अधिकारी रमेश गंगाधर हरडे मानेवाडा रिंग रोड निवासी ने सीताबर्डी थाने में शिकायत की, जिसके चलते पुलिस ने 17 पालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

दलालों के जाल में फंसे कई लोग

आरटीई प्रवेश प्रक्रिया में स्कूल आवंटित होने पर दस्तावेज पड़ताल समिति सभी दस्तावेजों को परखने के बाद स्कूल में प्रवेश निश्चित होता है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आरटीई प्रवेश लिए जाने के अनेक प्रकरण सामने आने पर गत वर्ष से पेश किए गए दस्तावेजों का सत्यापन करने संबंधित िवभागों के पास भेजे जा रहे हैं। सालभर में 20 से अधिक बालकों के दस्तावेज फर्जी पाए जाने का हवाला देकर प्रवेश रद्द किए गए।

समिति की कार्यप्रणाली पर सवाल

प्रवेश निश्चित करने से पहले दस्तावेजों की पड़ताल करने के लिए समिति गठित की गई है। उसी समय दस्तावेज फर्जी है या असली है, उसकी पड़ताल करना समिति की जिम्मेदारी है। पड़ताल में सही ठहराकर प्रवेश निश्चित होने पर उसे सत्यापन के लिए भेजा जा रहा है। संबंधित विभाग ने दस्तावेज फर्जी ठहराने पर प्रवेश निरस्त किए जाने से समिति की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। प्रवेश रद्द किए गए सर्वाधिक विद्यार्थियों के दस्तावेजों की पड़ताल शिक्षा विभाग के साधन गट क्रमांक 2 से की गई है।जिलाधिकारी कार्यालय में दलालों ने जाल फैला रखा है। अपने बच्चों को आरटीई प्रवेश दिलाने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय से आय प्रमाणपत्र तथा अन्य दस्तावेज पाने के लिए जानेवाले भोले-भाले पालकों को शिकार बना रहे हैं। उनकी सादगी का फायदा उठाकर ठगने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। स्कूल में प्रवेश निश्चित होने के बाद दस्तावेज सत्यापन में फर्जी ठहरने पर प्रवेश निरस्त किए जा रहे हैं। पालक दलालों के जाल में फंसने से बालकों को आरटीई प्रवेश से वंचित होना पड़ रहा है।

Tags:    

Similar News