गैंगवार: पुणे की कोयता गैंग के कैदियों को भेजा जाएगा नागपुर सेंट्रल जेल
सप्ताह भर में दो बार छिड़ा गैंगवार
डिजिटल डेस्क, नागपुर / अमरावती। एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार अमरावती जेल में पुणे की कोयता गैंग के कैदियों के बीच गैंगवार देखा गया। इस दौरान एक कैदी व जेल के अधिकारियों- कर्मचारियों पर हमला कर उनकी हत्या का प्रयास किया गया। इस गैंग के कैदियों को जल्द ही नागपुर के सेंट्रल जेल में भेजा जाएगा। कोयता गैंग के कैदी अमरावती की जेल में बंद हैं। बुुधवार को इन कैदियों ने अमरावती के कैदी समेत जेल प्रशासन के अधिकारियों- कर्मचारियों पर जानलेवा हमला किया। इस मामले में पुलिस ने 10 कैदियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
बड़ा सवाल जेल में कहां से आई ब्लेड : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अमरावती मध्यवर्ती जेल में वर्चस्व को लेकर पुणे और अमरावती के कैदियों के बीच पांच दिन पहले विवाद हुआ था। बुधवार को पुणे के कोयता गैंग से जुड़े मतीन हकीम सैयद और उसके साथियों ने अमरावती के एक कैदी पर ब्लेड से जानलेवा हमला किया। इसके बाद दोनों गुट आमने-सामने आकर हमला करने लगे। सर्कल अधिकारी उमेश बोंडरे और अन्य जेलकर्मी मौके पर पहुंचे और उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन पुणे के कैदियों ने पांच अधिकारी व कर्मचारियों पर जानलेवा हमला कर दिया। बड़ा सवाल यह है कि आखिर हमला करने के लिए जेल में ब्लेड कहां से आई। इस मामले में फ्रेजरपुरा पुलिस ने 10 कैदियों पर मामला दर्ज किया है। भविष्य में किसी तरह की बड़ी घटना न हो इसलिए जेल प्रशासन द्वारा पुणे के कैदियों को नागपुर व अन्य जेल में स्थनांतरण करने में जुटे हैं।
ये हुए जख्मी : बुधवार की सुबह घटना के दौरान बीच-बचाव करने गए जेल अधिकारी उमेश गुंडरे, संजय गुल्हाने के अलावा कर्मचारियों में गोपाल कचरे, राम मुदगले और मंगेश प्रजापति गंभीर रूप से घायल हुए है, जबकि अमरावती-पुणे के कैदियों को भी चोटें आई हैं। इस मामले में पुलिस ने आरोपी मतीन हकीम सैयद, आसिफ अलबक्ष शेख, महेश पुंडलिक मोरे, प्रकाश आखाडे, अजय गाडगे, चांद फकीरुद्दीन शेख, रोहित गायकवाड, सूरज ठाकुर, अजय वानखडे और अमन देवलकर के खिलाफ धारा 307, 353 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
स्थानीय कैदी दहशत में : सूत्रों के अनुसार अमरावती जेल के बाहर होने वाली संगीन वारदातों के साथ-साथ जेल के अंदर भी जानलेवा हमले, गैंगवार जैसी घटनाएं घटित होने से इसके विपरीत परिणाम भविष्य में देखे जा सकते हैं। एक सप्ताह में अन्य जिले और स्थानीय कैदियों के बीच हुए विवाद को लेकर अमरावती जेल में बंद स्थानीय कैदियों में भय का माहौल बना हुआ है। अमरावती जेल में बंद कैदियों के परिजनों को भी अब डर सताने लगा है। अगर इसी तरह विवाद जारी रहे, तो भविष्य में अमरावती और पुणे के कुख्यातों के बीच जेल के अलावा बाहरी दुनिया में भी बड़े गैंगवार हो सकते हैं।
गैंगवार के मामले बढ़े : पिछले दो साल मेंं अमरावती जिला मध्यवर्ती कारागृह विविध घटनाओं को लेकर विवादों में रहा है, जिसमें जेल ब्रेक प्रमुख रूप से शामिल हैं। कैदियों के बीच हुए गैंगवार को लेकर शहर व जिले में विविध तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं। अमरावती मध्यवर्ती कारागृह की कमान कीर्ति चिंतामणि के संभालते ही कामकाज में भी काफी बदलाव देखा गया, लेकिन कैदियों के बढ़ते हौसले और जेल प्रशासन के प्रति खौफ खत्म होने से इस तरह की घटना ने तुल पकड़ने की जानकारी मिली है। ऐसे मामलों पर तुरंत शिकंजा कसा जाना चाहिए।
अदालत की अनुमति के बाद लेेंगे पीसीआर : मध्यवर्ती कारागृह के अधिकारी श्यामराव गिते की शिकायत पर 10 कैदियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। अदालत की अनुमति के बाद जरूरत पड़ने पर आरोपियों को पुलिस रिमांड के लिए लेंगे। - गोरखनाथ जाधव, पुलिस निरीक्षक