वाइब्रेंट फूड कार्नर: फूड लवर्स को मिलेगा स्वाद का मजा, देश के इन 100 शहरों में नागपुर भी शामिल
- 3 करोड़ रुपए आएगी लागत
- फूड सेफ्टी प्राथमिक उद्देश्य
डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश का प्रत्येक शहर स्ट्रीट फूड के क्रेज से अछूता नहीं रहा है। ग्रामीण एरिया को छोड़ दिया जाए, तो हर शहर में सड़कों के किनारे फूड स्टॉल दिखाई देंगे। लोग महंगे कैफे या रेस्टॉरेंट से पहले यहां जाना पसंद करते हैं, क्योंकि सस्ता फूड के साथ यहां स्वाद भी मिल जाता है। इन्हीं फूड लवर्स को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सहयोग से भारत के 100 शहरों में 100 फूड स्ट्रीट विकसित करने की योजना शुरू की है। इस 100 शहरों में नागपुर भी एक है। यह पहल स्थानीय विक्रेताओं का समर्थन करते हुए स्ट्रीट फूड की गुणवत्ता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए बनाई गई है। योजना के तहत, स्थानीय निकायों को विक्रेताओं के लिए फूड स्ट्रीट विकसित करने के लिए केंद्र सरकार से अनुदान मिलेगा।
फूड सेफ्टी प्राथमिक उद्देश्य
इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत महानगर पालिका द्वारा व्यापक विचार-विमर्श और सर्वेक्षण के बाद रिंग रोड पर नरेंद्र नगर रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) के पास 20 बाय 80 मीटर जमीन का चयन किया गया है। इस प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इस मॉडल को मनपा अन्य सड़कों पर भी दोहरा सकती है। योजना का प्राथमिक उद्देश्य फूड सेफ्टी है, साथ ही यह भी ध्यान दिया जाएगा कि फूड कॉर्नर पर स्वच्छता रखी जाए। यहां ‘इंदौर 56 फूड स्ट्रीट' के अनुरूप फूड कार्नर बनाया जाएगा, जो अपनी स्वच्छ और जीवंत स्ट्रीट फूड संस्कृति के लिए जाना जाता है।
3 करोड़ रुपए आएगी लागत
जिस जमीन को वाइब्रेंट फूड कॉर्नर के लिए चुना गया है, वर्तमान में यहां कचरा फेंका जाता है। इसके आकार और पहुंच के कारण फूड स्ट्रीट के लिए इसे उपयुक्त माना गया है। परियोजना की लागत करीब 3 करोड़ रुपए है। योजना में 10 बाय 10 फीट की 20 दुकाने बनाई जाएंगी। यहां खुली हवा में भोजन का अनुभव प्राप्त करने के लिए खुली जगह पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। आगंतुकों के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करके सड़क पर यातायात की भीड़ से बचने के लिए निर्दिष्ट पार्किंग क्षेत्र स्थापित किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि यहां हरियाली का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
स्ट्रीट फूड संस्कृति को बढ़ावा
दुकानों के आवंटन का तरीका अभी तय नहीं किया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य स्थानीय स्ट्रीट फूड संस्कृति और स्वच्छता को बढ़ावा देना है। इससे पहले गांधी सागर तालाब के पास एक फूड कार्नर का उद्घाटन किया गया, लेकिन उसके बाद वह कभी भी शुरू नहीं दिखाई दिया, लेकिन इस वाइब्रेंट फूड कार्नर के सफल होने पर, मनपा का पायलट प्रोजेक्ट शहर और उसके बाहर अन्य सड़कों पर इसी तरह की पहल के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर सकता है।