नागपुर: जंगलों में अभी तक नहीं आंकी गई फायर लाइन, आग को लेकर वन विभाग गंभीर नहीं
- आग को लेकर वन विभाग गंभीर नहीं
- गर्मी बढ़ने से जंगल सूखने लगे
डिजिटल डेस्क, नागपुर. गर्मी बढ़ने से जंगल सूखने लगे हैं। बावजूद इसके अभी तक वन विभाग की ओर से फायर लाइन का काम पूरा नहीं किया गया है। यदि जंगल में आग लगती है, तो हजारों हेक्टेयर खाक हुए बगैर शांत नहीं होगी। हाल ही में गोरेवाड़ा जू परिसर में आग ने दिनभर तांडव करते हुए 50 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन खाक कर दी है। फिर भी वन अधिकारी फायर लाइन को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं। गत वर्ष 25 सौ किमी की फायर लाइन बनाई थी, लेकिन इस बार फायर लाइन पूरी तरह से तैयार ही नहीं हुई है।
इस तरह आंकी जाती है फायर लाइन
ग्रीष्म में पेड़ों के पत्ते चादर की तरह पड़े रहते हैं, जो धूप के चलते सूख जाते हैं। जंगल में आग लगने पर यह पत्ते जलते रहते हैं, जिससे इनकी चपेट में कई हेक्टेयर जंगल आ जाते हैं। ऐसे में वन विभाग फायर लाइन का निर्माण करती है जो इन पत्तों की चादर को तोड़ती है।
पत्तों व सूखी घास को एक- दूसरे से अलग किया जाता है
लगभग 2 से 5 मीटर तक इन पत्तों व सूखी घास को एक- दूसरे से अलग किया जाता है, जिससे आग लगने के वक्त फायर लाइन तक पहुंचने के बाद खुद ब खुद आग बुझ जाती है।
जंगल नष्ट होता है
जंगलों के आस-पास के गांवों में बसे कुछ लोग लकड़ी व तेंदूपत्ता आदि के लिए जंगल क्षेत्र में आग लगाते हैं। इससे एक ओर वन्यजीवों को परेशानी होती है, वहीं दूसरी ओर जंगल भी नष्ट हो जाता है।
जानकारी नहीं है
डॉ. भारतसिंह हाडा, उपवनसंरक्षक, वन विभाग (प्रादेशिक) के मुताबिक अभी फायर लाइन की जानकारी नहीं है। कुछ दिनों में इसकी जानकारी दी जा सकेगी।