मेयो में लगी आग वार्ड में 25 मरीज थे
- लगी आग
- वार्ड में 25 मरीज थे
- मेयो में हादसा
डिजिटल डेस्क, नागपुर. मंगलवार की दोपहर को इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेयो) के वार्ड क्रमांक 34 में आग लगी। इससे पूरे वार्ड में धुआं पसर गया। इससे मरीजों व परिजनों में भगदड़ मच गई। सुरक्षा जवानों की सतर्कता से समय पर आग पर काबू पा लिया गया। आग से कोई हताहत नहीं हुआ। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मेयो अस्पताल के सर्जिकल इमारत के पहले माले पर महिला अस्थिरोग वार्ड क्रमांक 34 है। यहां दोपहर 1.30 बजे धुआं निकलते हुए दिखा। वार्ड में अस्थि रोग के करीब 25 मरीज भर्ती थे। इसके अलावा उनके परिजन व अस्पताल के कर्मचारी भी थे। वार्ड में ही डॉक्टर का कमरा है। इस कमरे के भीतर वॉशरुम है। डॉक्टर वाशरुम गए थे। उस समय वार्ड की परिचारिका सरिता नायर को डॉक्टर के कमरे से धुआं निकलता दिखाई दिया। जब वहां जाकर देखा तो पूरे कमरे में धुआं हो चुका था। एसी के नीचे रखी सामग्री गद्दी व अन्य सामान जल रहा था। नायर व उसके सहकर्मियों ने डॉक्टर को आवाज देकर सतर्क किया, तुरंत दरवाजा न खोलने की सूचना दी। इसके बाद वहां की बिजली आपूर्ति बंद की गई। वार्ड के सभी दरवाजे खोले गए। उस समय कर्मचारियों ने आग की दिशा में पानी डालना शुरू किया। प्राथमिक तौर पर आग बुझा दी गई, लेकिन धुआं पूरे वार्ड में फैल गया था।
सिस्टम है, पर नहीं बजा अलार्म : तुरंत आग नहीं बुझती तो यहां के मरीजों को बाहर निकालना मुश्किल हो जाता। यहां अलार्म सिस्टम है, लेकिन आग लगने के बावजूद अलार्म नहीं बजा। इससे सुरक्षा जवानों को इस घटना की जानकारी तुरंत नहीं मिल पायी। ऐसा प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया।
घटना की जानकारी सुरक्षा जवान सागर राणे ने सुरक्षा सुपरवाइजर श्रीकांत महाडिक को दी। तुरंत ही सुरक्षा जवान अजय फरकुंदे, मो. अंसारी, आकाश मोहोड, अतुल बोंद्रे,, अक्षय बोरकर, रुपेश वानखेडे तुरंत दौड़ते हुए वार्ड की तरफ पहुंचे। तब तक पूरे वार्ड में धुआं पसर चुका था। सुरक्षा अधिकारी चंद्रशेखर मस्के के नेतृत्व में सुरक्षा रक्षक सागर राणे, पंकज गाडेकर, सुरेश नाईक ने 5 फायर एक्सटिंग्विशर की मदद से आग पर काबू पाया। इस घटना से किसी को कोई हानि नहीं हुई, लेकिन धुआं देखकर वार्ड के मरीज व उनके परिजनों में दहशत फैल गई थी। बताया गया कि एसी पूरी तरह जलकर खाक हो गया है। मेयो प्रशासन ने संबंधित अधिकारियों से आग लगने के कारणों की जांच कर रिपोर्ट मांगी है।