अनदेखी: बिना उपचार कराए जख्मी को लेकर थाने लौटी महिला होमगार्ड

बाहर से सामान (किट) लाने के लिए पैसे नहीं देने पर नहीं किया उपचार

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-08 10:03 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेडिकल अस्पताल में जख्मी टैक्सी महिला ड्राइवर द्वारा बाहर से सामान (किट) लाने के लिए पैसे नहीं देने पर बिना उपचार के ही उसे थाने में लौट जाने का मामला सामने आया है। पीड़िता महिला टैक्सी ड्राइवर प्रीति राणे का आरोप है कि पैसे नहीं देने पर महिला होमगार्ड चौरे उन्हें मेडिकल से वापस लेकर चली गई। प्रीति अपने दोस्त साथी वाघ और आशीष उमरकर के साथ कलमना स्थित आरटीओ कार्यालय से अपनी- अपनी टैक्सियों के फिटनेस सर्टिफिकेट लाने जा रहे थे। इस दौरान संघर्षनगर से प्रजापति नगर आउटर रिंग रोड पर कोहिनूर लॉन के समीप घटना हुई।

कार को जोरदार टक्कर मारी : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नरसाडा निवासी साथी वाघ अपने दोस्त आशीष उमरकर खरबी चौक और मानेवाड़ा निवासी प्रीति राणे के साथ टैक्सी क्रमांक एमएच 49 एफ - 1774 में कलमना आरटीओ में अपनी- अपनी टैक्सियों के फिटनेस सर्टिफिकेट लाने जा रहे थे। यह टैक्सी आशीष की है, टैक्सी को साथी वाघ चला रहा था। आशीष सामने की सीट पर बैठा था। प्रीति कार के पीछे की सीट पर बैठी थी। साथी ने कोहिनूर लॉन के समीप ट्रैफिक जाम देखा तो कार को रोक दिया। इस दौरान पीछे से आ रही कार क्रमांक एम एच 49 सी डी- 2807 के चालक ने आशीष की कार को जोरदार टक्कर मारी, जिससे प्रीति पीछे की सीट से सामने की सीट पर गिरी। उसकी गर्दन और चेहरे पर अंदरुनी चोट लग गई।

शिकायत नहीं लिए जाने का आरोप लगाया : आशीष की कार को टक्कर लगने के बाद सामने खड़ी कार क्रमांक एमएच 49 सी डी -0096 से उसकी कार जा भिड़ी। घटना के बाद आशीष, प्रीति और साथी वाघ नंदनवन थाने शिकायत करने पहुंचे। थाने की महिला सिपाही मृणाली ने महिला होमगार्ड चौरे के साथ जख्मी प्रीति को मेडिकल अस्पताल भेज दिया। आरोप है कि मेडिकल अस्पताल में जाने के बाद प्रीति को कुछ बाहर से सामान लाने के लिए पैसे मांगे गए। प्रीति के पास पैसे नहीं थे। प्रीति का आरोप है कि उसने पैसे नहीं दिए तो उसे वापस थाने लेकर होमगार्ड लौट गई। होमगार्ड चौरे का कहना था कि बिना पैसे के मेडिकल में उपचार कैसे होगा। बाहर से सामान खरीदने के लिए पैसे लगते हैं। नंदनवन के थानेदार से मुलाकात करने के बाद भी जख्मी प्रीति और उसके साथियों की खबर लिखे जाने तक शिकायत नहीं लिए जाने का आरोप जख्मी लोगों ने लगाया है।  प्रीति का कहना है कि जिसके कारण घटना हुई उससे पुलिस पैसे क्यों नहीं मांगती है। उसके खिलाफ थाने में मामला दर्ज करने के बजाय नरमी बरत रही थी।

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