दहशत: बाघ के हमले में किसान घायल, गांववालों में गुस्सा, जंगल सफारी से पर्यटक को बढ़ावा

  • खेत में काम कर रहे डोगरताल निवासी किसान पर हमला
  • गंभीर रूप से घायल हो गया
  • जंगल सफारी से पर्यटक को मिल रहा बढ़ावा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-28 11:15 GMT

डिजिटल डेस्क, देवलापार. पवनी बफर जोन क्षेत्र में खेत में काम कर रहे डोगरताल निवासी किसान विट्ठल वरखड़े (64) पर शनिवार सुबह 7 से 8 बजे के आसपास बाघ ने हमला कर दिया, जिसमें वरखड़े गंभीर रूप से घायल हो गया। वरखड़े के शोर मचाते ही बाघ वहां से भाग गया। ग्रामीणों ने वरखड़े को देवलापार के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। पवनी बफर जोन के अधिकारी पहुंचे और प्राथमिक उपचार के बाद वरखड़े को नागपुर के मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया।

पहले भी हो चुके हैं मामले

सनद रहे कि, निवासी क्षेत्र व खेत परिसर में बाघ सहित अन्य हिंसक प्राणियों की चहलकदमी बढ़ने से अब मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति बन गई है। बुधवार 24 अप्रैल की दोपहर में देवलापार से सटे गौरक्षा केंद्र के समीप बाघ ने बकरियां चरा रहे सुनील चौधरी (45) न्यू तोतलाडोह निवासी पर हमला कर घायल कर दिया था। अभी सुनील का उपचार जारी ही है कि शनिवार को फिर से बाघ ने किसान पर हमला कर दिया। इससे पहले 8 मार्च को बफर जोन क्षेत्र में दोपहर दो बजे के करीब कड़बीखेड़ा निवासी सूरजू इनवाते (55) की बाघ के हमले में मौत हो गई थी। घटना के बाद क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व ग्रामीणों ने देवलापार में सरकारी अस्पताल के सामने नागपुर-जबलपुर महामार्ग पर चक्का जाम आंदोलन भी किया था। बावजूद इसके वनविभाग द्वारा व्यापक इंतजाम नहीं किए गए। क्षेत्र में हिंसक वन्यजीवों की बढ़ती चहलकदमी के बाद ग्रामीणों में भय का माहौल बनने लगा है। इससे पहले वन्यजीव पालतू पशुओं को अपना शिकार बनाते थे, लेकिन अब इंसानों पर भी हमला कर रहे हैं।

जंगल सफारी से पर्यटक को मिल रहा बढ़ावा, लेकिन ग्रामीण मुश्किल में

पेंच व्याघ्र प्रकल्प में पर्यटकों को जंगल घुमाने और बाघ तेंदुआ और भी जंगली जानवरों को दिखाने के लिए जंगल सफारी की सेवा उपलब्ध है। जिससे वन विभाग को काफी मोटी कमाई भी होती है। चर्चा है कि, लोगों का जंगल में गाड़ियों में सफारी करना वन्यजीवों के लिए परेशानी बढ़ा रहा है और वन्यजीव गांव के समीप पहुंचने लगे हैं। एक ओर वनविभाग जंगल सफारी के जरिए पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है, लेकिन ग्रामीणों पर हिंसक वन्यजीवों के हमले को लेकर उचित उपाय योजना नाकाफी होने से दिन-ब दिन घटना बढ़ने का आरोप ग्रामीण लगा रहे हैं।

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