पहली बार: होम वोटिंग में दिव्यांग और 85 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए उपलब्ध कराई सुविधा
- अधिक आयु वर्ग के बुजुर्गों का होम वोटिंग लेने का कार्य
- 93 प्रतिशत ने ही सुविधा का लाभ उठाया
- 164 मतदाताओं ने मतदान नहीं किया
डिजिटल डेस्क, अकोला. लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 13 अप्रैल से दिव्यांग तथा 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बुजुर्गों का होम वोटिंग लेने का कार्य चुनाव विभाग ने शुरू किया। 22 अप्रैल को होम वोटिंग का अंतिम दिन था। निर्धारित किए गए मतदाताओं में से 93 प्रतिशत ने ही सुविधा का लाभ उठाया, जबकि 164 मतदाताओं ने मतदान नहीं किया।
होम वोटिंग के लिए चुनाव आयोग ने तारीख निश्चित की थी। होम वोटिंग के लिए प्राप्त विकल्पों के आधार पर मतदाता निश्चित किए गए। साथ ही अलग-अलग मतदान दल नियुक्त किए गए थे। मतदान दल निर्धारित तिथियों पर वोट दर्ज करने के लिए संबंधित मतदाता के घर पहुंचे। मतदान से कोई वंचित न रहे इसलिए दोबारा भी मतदान टीमें संबंधितों के घर पहुंची। फलस्वरूप निर्धारित किए गए 2 हजार 358 मतदाताओं में से 2 हजार 194 ने होम वोटिंग किया। इस प्रकार 22 अप्रैल तक होम वोटिंग की प्रक्रिया पूरी हुई। अब 26 अप्रैल का इंतजार किया जा रहा है।
164 ने नहीं किया मतदान
85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 1 हजार 632 मतदाता है, जो होम वोटिंग के लिए तैयार थे। समय पर 1 हजार 497 ने ही मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि 135 ने मतदान नहीं किया। इसी प्रकार दिव्यांगों का 726 होम वोटिंग था, जिसमें से 687 ने मतदान किया। 39 ने मतदान नहीं किया। इस प्रकार 2358 में से 164 ने होम वोटिंग की सुविधा का लाभ नहीं उठाया।
बता दें कि लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के 726 दिव्यांग एवं 85 वर्ष से अधिक आयु के 1 हजार 632 मतदाताओं सहित कुल 2 हजार 358 मतदाताओं को घर पर ही मतदान की सुविधा दी गई थी।