नागपुर: परीक्षा निरक्षरों की और भिडे़ शिक्षक, 53% निरक्षरों ने दी साक्षरता परीक्षा
- शिक्षक संगठनों को बड़ा झटका
- परीक्षार्थियों का प्रतिसाद अभियान की सफलता
- ओबीसी प्रवर्ग के 3560 परीक्षार्थी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्र पुरस्कृत ‘उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम’ अंतर्गत रविवार को हुई पहली बुनियादी परीक्षा में 53 फीसदी निरक्षरों ने उपस्थिति दर्ज कराई। 11 हजार 812 निरक्षर कार्यक्रम में पंजीकृत हुए। उनमें से 6349 ने परीक्षा दी। जिला परिषद शिक्षक संगठनों ने शुरुआत से निरक्षर साक्षरता कार्यक्रम को गैर-शैक्षणिक कार्य का हवाला देकर जिम्मेदारी स्वीकृत करने से हाथ खड़े किए हैं। उसके बावजूद निरक्षरों का साक्षरता कार्यक्रम को प्रतिसाद शिक्षक संगठनों को बड़ा झटका माना जा रहा है।
परीक्षार्थियों का प्रतिसाद अभियान की सफलता
भानुदास रोकड़े, शिक्षणाधिकारी (योजना), जिला परिषद के मुताबिक जिले में 11 हजार 812 निरक्षरों का पंजीयन हुआ। उनमें से 6 हजार 349 परीक्षार्थी परीक्षा में बैठे। परीक्षा में निरक्षरों का प्रतिसाद साक्षरता अभियान की सफलता है। जिप तथा निजी स्कूलों के शिक्षक, मुख्याध्यापकों का परीक्षा में सहयोग रहा।
800 केंद्रों पर हुई परीक्षा
कार्यक्रम अंतर्गत रविवार को 800 केंद्रों पर परीक्षा हुई। 7 हजार 864 महिला और 3948 पुरुष कुल 11 हजार 812 िनरक्षर पंजीकृत हुए। उनमें से 4309 महिला और 2040 पुरुष कुल मिलाकर 6349 परीक्षार्थी परीक्षा में बैठे। सुबह 10 से शाम 5 बजे तक परीक्षा हुई। परीक्षा अवधि में परीक्षार्थियों को अपनी सुविधा से परीक्षा में सहभागी होने का अवसर दिया गया। परीक्षा में ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे गए। जिला परिषद शिक्षा विभाग के सहयोग से नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूल की ओर से परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षार्थी को परीक्षा केंद्र पहुंचने में सुविधा की दृष्टि से उनके घर से कम अंतर पर केंद्र निश्चित कर परीक्षा ली गई।
ओबीसी प्रवर्ग के 3560 परीक्षार्थी
निरक्षरों को साक्षर बनाने चलाए जा रहे इस अभियान में परीक्षार्थियों का प्रवर्गवार वर्गीकरण किया गया। ओबीसी प्रवर्ग के सर्वाधिक 3560 परीक्षार्थी परीक्षा में बैठे। दूसरे स्थान पर एसटी प्रवर्ग के 1355, एससी प्रवर्ग 999, अल्पसंख्यक समुदाय 245 और खुले वर्ग के सबसे कम 190 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। दिव्यांग प्रवर्ग के 15 परीक्षार्थी परीक्षा में सहभागी हुए।
कामगार क्षेत्र में कम प्रतिसाद
निरक्षरों की साक्षरता परीक्षा को कामगार क्षेत्र में कम प्रतिसाद रहा। उन्हें परीक्षा के लिए अवकाश नहीं मिलने के कारण परीक्षा में सहभागी नहीं होने की जानकारी मिली है। परीक्षा में जाने पर मजदूरी से हाथ धोना पड़ेगा। सरकार हमारी मजदूरी देगी क्या, यह सवाल उन्होंने किया। उनके सवाल का किसी के पास जवाब नहीं था। हिंदी भाषी पर-प्रांतीय कामगारों का सबसे कम प्रतिसाद मिलने की सूत्रों ने जानकारी दी।
कुछ केंद्रों पर शून्य उपस्थिति
जिले में 855 परीक्षा केंद्र स्थापन किए गए। प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार 800 केंद्रों पर परीक्षा हुई। कुछ केंद्रों पर परीक्षार्थी नहीं पहुंचने की जानकरी मिली है। जिप प्रा. स्कूल डोंगरगांव केंद्र पर 49 परीक्षार्थियों का केंद्र निश्चित किया गया था। परीक्षा अवधि में स्कूल में सन्नाटा छाया रहा। कोई भी परीक्षार्थी केंद्र पर नहीं पहुंचने की सूत्रों ने जानकारी दी।
अंगूठे के निशान पर उठ रहे सवाल
परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थियों के अंगूठे के निशान लगाकर उपस्थिति दर्ज की गई। उन्हें 11 पन्नों की ऑब्जेक्टिव प्रश्न की प्रश्न-पत्रिका दी गई। उपस्थिति दर्ज कराने के लिए अंगूठे के निशान लगवाए गए। जो परीक्षार्थी हस्ताक्षर नहीं कर सकते, उनसे लिखित प्रश्न-पत्र कैसे हल किए गए, यह सवाल उठ रहे हैं। वेलाहरी केंद्र अंतर्गत जिप प्रा. स्कूल पांजरी परीक्षा केंद्र पर अंगूठे के निशान लगाकर 9 परीक्षार्थियों की दर्ज की गई उपस्थिति इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। जिप शिक्षक संगठनों का आरोप है कि बिना पढ़ाए सीधे परीक्षा लेकर कागजों पर साक्षरता अभियान की सफलता गिनवाई जा रही है।