नागपुर: जिले में हर दूसरी महिला बनी लाडली बहन, 10 लाख महिलाएं योजना के लिए पात्र हुईं

  • 10 लाख महिलाओं को लाडली बहन योजना का लाभ
  • जिले में 21 से 65 साल आयु की 16 लाख महिलाएं

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-07 14:48 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले (शहर व ग्रामीण) में 21 से 65 साल आयु वर्ग की 16 लाख महिलाएं हैं। इसमें 10 लाख महिलाएं मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना के लिए पात्र हुईं हैं। जिले की हर दूसरी महिला लाडली बहन बन गई हैं। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना के तहत हर महीने 15 सौ रुपए देने का काम शुरू किया है। जिले में पहले चरण में 5 लाख 48 हजार महिलाआें के बैंक खाते में दो महीने की किश्त 3-3 हजार रुपए जमा किए गए। अगस्त महीन में प्रशासन को साड़े चार लाख से ज्यादा महिलाओं के आवेदन प्राप्त हुए और उसमें से लगभग साड़े चार लाख महिलाओं के आवेदन मंजूर हुए हैं। इनके बैंक खाते में जुलाई व अगस्त के 3-3 हजार रुपए डालने का काम चल रहा है।

जारी आवेदन लेना

वैसे देखा जाए तो सरकार ने 31 अगस्त तक आवेदन करने को कहा था, लेकिन अभी भी आवेदन स्वीकार करना जारी है। 30 सितंबर तक लाड़ली बहन योजना के आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।

ढाई लाख महिलाओं को निराधार योजना का लाभ

जिले में लगभग साड़े चार लाख महिला-पुरुष व दिव्यांगों को संजय गांधी निराधार, श्रावणबाल व वृध्दापकाल योजना का लाभ मिल रहा है। इसमें लगभग ढाई लाख लाभार्थी महिलाएं है। ऐसे में 10 लाख लाड़ली बहनों का आंकडा चौकानेवाला है। जिनकी सालाना आमदनी ढाई लाख से अधिक हैै, वे भी लाड़ली बहन योजना का लाभ लेने की चर्चा है।

50 हजार महिलाओं को मिल रही सरकारी पेंशन

नागपुर जिले में लगभग 50 हजार महिलाएं ऐसी है, जिन्हें सरकारी पेंशन मिल रही हैै। इसीतरह 50 हजार महिलाओं को पीएफ ऑफिस के माध्यम से मिलनेवाली पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है। पेंशन व विविध शासकीय योजनाओं का लाभ लेनेवाली महिलाओं की संख्या जिले में करीब साड़े तेरह लाख हो गई है।

जिला प्रशासन भी चकरा गया

जिले में लाडली बहनों का आंकडा दस लाख तक पहुंच जाने से जिला प्रशासन भी चकरा गया है। प्रशासन यह समझ नहीं पा रहा कि जिले में और कितनी महिलाएं हैं, जो लाड़ली बहन बनना चाहती हैं। चूंकि जल्दी से आवेदनों को मंजूर करने का आदेश होने से प्रशासन भी गहराई से जांच पड़ताल करने से बच रहा है।

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