पहल: सोशल प्लेटफार्म पर अश्लील, धमकीभरा वीडियो अपलोड करने वालों पर साइबर पुलिस की नजर
- नेम-फेम के लिए आपकी रील लगवा सकती है थाने का चक्कर
- साइबर मॉनिटरिंग सेल ने पहल शुरू की
- हिरासत में लेकर की जा रही काउंसलिंग
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सोशल मीडिया पर हर दूसरा व्यक्ति वीडियो या जिसे रील्स कहते हैं, बनाना पसंद करता है। कोई गानों पर, तो कोई फिल्मी डायलॉग पर वीडियो क्रिएट करता है, तो कोई नेम-फेम के चक्कर में अपशब्दों और अश्लीलता का इस्तेमाल करते हुए वीडियो बनाता है। ऐसे लोगों को सुधारने के लिए पुलिस उपायुक्त डीसीपी अर्चित चांडक की साइबर मॉनिटरिंग सेल ने पहल शुरू की है। यह सोशल मीडिया पर अपलोड किए जाने वाले किसी भी अपमानजनक, अपशब्द या धमकी भरे रील या वीडियो के खिलाफ शून्य सहिष्णुता (जीरो टॉलरेंस) के साथ कार्य करने की नवनियुक्त पुलिस आयुक्त (सीपी) रवींद्र सिंगल की रणनीति का हिस्सा है।
डीसीपी की चेतावनी : डीसीपी चांडक ने बताया कि जिनको हिरासत में लिया गया है, उनकी काउंसलिंग की जा रही है। उन्हें 149 सीआरपीसी का नोटिस दिया गया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से सभी वीडियो हटा दिए हैं और आगे से इस तरह के वीडियो नहीं बनाने का वादा भी किया है। चांडक ने कहा कि आप डांस, कॉमेडी के वीडियो बनाएं, लेकिन आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने और अपमानजनक रील बनाने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
शहर का नाम बदनाम : साइबर टीम का नेतृत्व करने वाले डीसीपी चांडक ने कहा कि सोशल मीडिया का उपयोग नाबालिगों सहित हर उम्र के उपयोगकर्ताओं करते हैं। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। पुलिस इस प्रकार के आपत्तिजनक वीडियो के बारे में सतर्क है। जिस भी शहर से आप हैं उसका नाम बदनाम होता है।
यूजर आईडी में "302' का इस्तेमाल : पुलिस उपायुक्त अर्चित चांडक के अनुसार हाल ही में शहर पुलिस ने इंस्टाग्राम पर आपत्तिजनक रील पोस्ट करने के आरोप में एक लड़की सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया। उन्होंने बताया कि साइबर मॉनिटरिंग सेल ने इंस्टाग्राम पर तीन यूजर आईडी की पहचान की, जो धमकी भरी और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए रील्स अपलोड कर रहे थे, जिसमें एक 18 वर्षीय लड़की भी शामिल थी। लड़की रील्स में जेल में बंद एक गैंगस्टर से अपने संबंधों के बारे में डींगें मार रही थी, उसे अपना "बॉस' बताते हुए गाली के साथ वीडियो को समाप्त करते हुए नजर आई। एक अन्य मामले में एक वीडियो में ऑटो रिक्शा चालक अपने वाहन में "सामान' या बंदूक रखने का दावा करते हुए नजर आया। इन सभी लोगों ने अपनी यूजर आईडी में "302' का भी इस्तेमाल किया था, जो हत्या के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 का संदर्भ था। आरोपियों को सार्वजनिक रूप से ऐसी अपमानजनक रील पोस्ट करने के लिए माफी मांगने के लिए कहा गया और उनका बयान भी दर्ज किया गया।