बकाया: कृषि उपभोक्ताओं पर महावितरण का 12 सौ करोड़ रुपए बकाया, अदा न कर पाने से लगातार बढ़ रही राशि
- कृषि उपभोक्ताओं पर सख्ती करने से बच रहा महावितरण
- चुनाव के मद्देनजर सरकार नहीं दे रही फ्री हैंड
- आम उपभोक्ताओं से बरती जाती है सख्ती
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में एक महीने का बिल बकाया होने पर नोटिस जारी करने वाले महावितरण का नागपुर जोन (नागपुर व वर्धा जिला) में कृषि उपभोक्ताओं पर लगभग 12 सौ करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया है। बिल की वसूली नहीं होने से महावितरण की आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। घरेलू, वाणिज्य व आैद्योगिक उपभोक्ताओं पर बिल के लिए दबाव बनाने वाला महावितरण कृषि उपभोक्ताआ पर सख्ती करने से बच रहा है।
आधे दाम पर मिलती है बिजली : महावितरण घरेलू उपभोक्ताओं को जिस दर पर बिजली देती है, उससे आधे दाम पर किसानों को बिजली दी जाती है। किसानों को बिल में प्रति यूनिट जितनी रियायत दी जाती है, उतनी सब्सिडी सरकार महावितरण को देती है। कृषि उपभोक्ताआें पर बकाया बिल लगातार बढ़ रहा है। नागपुर व वर्धा जिले के कृषि उपभोक्ताआें पर लगभग 12 सौ करोड़ का बकाया है। महावितरण को अपने दैनिक कार्य व खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है।
बकाया बिल की सख्ती करते ही राजनेता किसानों के पक्ष में खड़े हो जाते हैं। सरकार भी किसानों पर दबाव नहीं बनाने की सूचना अप्रत्यक्ष रूप से महावितरण को देती रहती है। कृषि उपभोक्ताआें से चालू महीने का बिल वसूला जा रहा है। अगले महीने से लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग सकती है। सरकार बिल वसूली के लिए महावितरण को फ्री हैंड देने के पक्ष में नहीं है।
इधर खाई उधर कुआं : कृषि उपभोक्ताओं को लेकर महावितरण की स्थिति इधर खाई, उधर कुआं जैसी हो गई है। बिल वसूली के लिए किसानों पर सख्ती की तो सरकार नाराज हो जाती है। बकाया बिल की मोटी राशि महावितरण के लिए गले की हड्डी बन गई है, जो न निगलते बन रहा, न उगलते बन रहा।