विधानसभा में पेश: कैसीनाे और रुपयों के ऑनलाइन खेल पर नियंत्रण का प्रयास, बढ़ेगा टैक्स

  • ऑनलाइन खेल पर नियंत्रण का प्रयास
  • चिट फंड को लेकर विधेयक
  • केंद्र सरकार ने इन खेलों पर 28 प्रतिशत जीएसटी टैक्स का प्रावधान किया

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-07 15:04 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अत्याधुनिक जुआ समझे जाने वाले कैसीनो और रुपयों के ऑनलाइन खेल पर नियंत्रण का प्रयास किया जा रहा है। इन खेलों के लिए सरकार टैक्स बढ़ाएगी। ऑनलाइन गेमिंग कंपनी, कैसीनो, लाटरी, घोड़ों की दौड़ पर शर्त इत्यादि खेलों पर टैक्स बढ़ाने संबंधी अधिनियम की तैयारी है। महाराष्ट्र कैसीनो नियंत्रण व कर निर्धारण विधेयक विधानसभा में पेश किया गया है। गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधेयक पेश करते हुए कहा है कि खेलों पर नियंत्रण की विविध उपाययोजनाओं पर भी विचार किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने इन खेलों पर 28 प्रतिशत जीएसटी टैक्स का प्रावधान किया है।

ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनों के टैक्स निर्धारण की नई प्रणाली आरंभ की गई है। राज्य सरकार भी केंद्र के अनुरुप आर्थिक लेनदेन से संबधित खेलों पर नियंत्रण का प्रयास कर रही है। महाराष्ट्र वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 में संशोधन के लिए नया विधेयक लाया गया है। गृहमंत्री ने कहा कि कोई व्यक्ति विदेश से भी रुपयों के लेनदेन से जुड़ी ऑनलाइन गेमिंग कंपनी का संचालन कर रहा है तो उसे भी अनिवार्य रुप से पंजीयन कराना होगा। इस विधेयक से ऑनलाइन डिजीटल संपति की नई व्याख्या भी होगी।


चिट फंड को लेकर विधेयक

चिट फंड के मामलो की सुनवाई प्राधिकरण व अधिकारी के माध्यम से करने की पेशकश की गई है। वित्तमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को विधानसभा में चिट फंड महाराष्ट्र संशोधन विधेयक 2023 पेश किया। चिट फंड अधिनियम 1982 में संशोधन के लिए यह विधेयक लाया गया है। अब तक चिट फंड के संबंधित मामलों की अपील राज्य सरकार करती रही है। सरकार के पास ऐसे कई प्रकरणों की सुनवाई विचाराधीन है। चिट फंड संबंधित नया अधिनियम बनने पर चिट फंड मामलों की सुनवाई का अधिकार प्राधिकरण व अधिकारी को प्रदान किया जाएगा।

कैसीनो नहीं खुलने देने का था प्रयास

राज्य में कैसीनो को लेकर राजनीति दावे भी किए जाते रहे हैं। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व की सरकार ने ही दावा किया था कि राज्य में नया कैसीनो नहीं खुलने दिया जाएगा। लेकिन अब पर्यायी उपाययोजना के तौर पर टैक्स बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र कैसीनो नियंत्रण और कराधान अधिनियम 1972 पारित किया था। राज्यपाल ने मंजूरी दे दी थी। लेकिन उसे लागू करने के लिए कानून नहीं बन पाया। इस कानून पर कौन सा विभाग अमल कराएगा‌? कानून तोड़ने पर कौन सा विभाग कार्रवाई करेगा?कार्रवाई कैसे होगी? इस तरह के सवाल बने रहे। कानून की स्पष्टता नहीं होने से राज्य सरकार ने नए कैसीनो की अनुमति नहीं दी। गोवा, सिक्किम के समान महाराष्ट्र में कैसीनों की मांग को अस्वीकृत किया जाता रहा।

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