ये कैसी लापरवाही: आरटीई पोर्टल में था स्कूल का पता, अभिभावक पहुंचे तो खंडहर देख उड़े होश, 12 स्टूडेंट्स एडमिशन से वंचित

  • आरटीई पोर्टल में दिए पते पर स्कूल नहीं
  • अपनी गलती छिपाने शिक्षा विभाग पालकों को कर रहा गुमराह
  • 12 विद्यार्थी प्रवेश से वंचित रह गए
  • शिक्षा विभाग की लापरवाही से आरटीई लॉटरी में सलेक्ट 12 स्टूडेंट्स

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-08 16:19 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही से आरटीई लॉटरी में चयन होने पर भी 12 विद्यार्थी प्रवेश से वंचित रह गए हैं। आरटीई पोर्टल में दिए पते पर पालक स्कूल ढूंढते रह गए। जैसे-तैसे एक पालक ने पता खोजकर निकाला। वहां पहुंचने पर घांस-फूस के बीच एक खंडहर में मवेशियों ने डेरा जमाया था। वह नजारा देख पालक चौंक गया। शिक्षा विभाग से शिकायत करने पर कोई तो रास्ता निकालने की हामी भरी। पालक शिक्षा विभाग की बात पर विश्वास कर वापस लौटे। दस्तावेज पड़ताल की अवधि समाप्त हाे गई। 3 दिन मोहलत बढ़ाई गई। वह अवधि भी चली गई, लेकिन शिक्षा विभाग से पालकों को किसी भी तरह की सूचना या संदेश नहीं आया। अपनी गलती पर पर्दा डालने के लिए शिक्षा विभाग पालकों को गुमराह कर रहा है।


झुग्गी नुमा इस स्कूल में मवेशी बैठे दिखे, बैनर पर लिखा दिखा Class 1 to 4

8 साल पहले हुआ स्कूल का स्थानांतरण

हसनबाग के शेष नगर में राज गुरुकुल नाम का स्कूल हुआ करता था। 8 साल पहले वहां से स्कूल झिंगाबाई टाकली परिसर में स्थानांतरित किया गया। आरटीई आवेदन प्रक्रिया में पोर्टल पर स्कूल का पता पुरानी जगह का दर्शाया गया है। हसनबाग के आसपास रहनेवाले पालकों ने आवेदन भरते समय स्कूल के विकल्प में उस स्कूल का नाम भरा। आरटीई की लॉटरी में 12 बालकों को स्कूल आवंटित किया गया। स्कूल का पता खोजते हुए पालक वहां पहुंचने पर परिसर के नागरिकों ने बताया कि 8 साल पहले स्कूल वहां से स्थानांतरित हो गया। खाली पड़ी इमारत के चारो ओर घांस-फूस और झाड़ियां उगीं है। वहां मवेशियों ने अपना डेरा जमा रखा है।

खंडहर इमारत पर लगा है स्कूल का बोर्ड

स्कूल खोजते हुए वहां पहुंचे पर नजारा देख निराश हुए एक पालक आशीष गिरि ने खंडहर में तब्दील हुई इमारत का फोटो निकाला। इमारत पर स्कूल का बोर्ड लगा है, उस पर पहली से चौथीं कक्षा लिखा है।

शिक्षा विभाग पालकों को कर रहा गुमराह

स्कूल के पते पर भयंकर नजारा देख पालक शिक्षणाधिकारी कार्यालय जा धमके। शिक्षणाधिकारी से मिलकर हकिकत बयां करना चाहते थे। पहली बार शिक्षणाधिकारी मीटिंग में है, यह कहकर उन्हें मिलने से मना किया गया। उनसे लिखित शिकायत लेकर लौटा दिया। उसके बाद जाने पर बताया गया कि संबंधित शिक्षा संस्थान को उसी जगह स्कूल खोलने की सूचना दी गई है। स्कूल खुलने पर आपको फोन किया जाएगा, तब आने के लिए कहा गया। दस्तावेज पड़ताल की अवधि खत्म हो गई। उसके बाद 3 दिन की मोहलत दी। वह अवधि भी समाप्त हो गई, लेकिन पालकों को शिक्षा विभाग और संबंधित शिक्षा संस्थान से फोन नहीं आया। पालकों को गुमराह कर निर्धारित अवधि में दस्तावेजों की पड़ताल नहीं करने का हवाला देकर प्रवेश रद्द करने का हथियार अपनाया जा रहा है। इस संबंध में शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया जानने के लिए नागपुर शहर यूआरसी-1 के दस्तावेज पड़ताल समिति अध्यक्ष तथा उपशिक्षणाधिकारी प्रकाश लेदे के मोबाइल पर संपर्क करने पर प्रतिसाद नहीं मिला।

Tags:    

Similar News