कोर्ट नाराज: अवैध निर्माणों पर कार्रवाई नहीं हाई कोर्ट ने लगाई फटकार
शहर व आसपास फैला अतिक्रमण का जाल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर और आसपास के इलाकों के अवैध निर्माण हटाने पर हो रही देरी के चलते बाम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने प्रशासन को जमकर फटकार लगाई। साथ ही मनपा, नासुप्र और नागपुर महानगर विकास प्राधिकरण (एनएमआरडीए) के संबंधित अधिकारियों को गुरुवार को कोर्ट में हाजिर रहने के आदेश दिए।
अदालत ने कहा-मुद्दा बेहद अहम
नागपुर खंडपीठ में अजय तिवारी ने जनहित याचिका दायर करके जिले में सभी अवैध निर्माणों को हटने की मांग की थी। बाद में तिवारी इस याचिका से अलग हो गए, लेकिन यह बेहद अहम मुद्दा है, इसलिए कोर्ट ने इस जनहित याचिका पर खुद से सुनवाई करने का फैसला किया। पिछली सुनवाई में मनपा ने कोर्ट में बताया था कि बारिश की वजह से शहर और आसपास के इलाकों के अवैध निर्माण हटाने पर 30 सितंबर तक कारवाई पर रोक लगाई गई है, इसके बाद तेजी से कारवाई शुरू की जाएगी। मामले पर बुधवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई। न्यायालय मित्र अपूर्व डे ने कोर्ट का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि अब तक सिर्फ नासुप्र ने 64 अवैध निर्माण हटाने को लेकर कार्रवाई की है, लेकिन मनपा और एनएमआरडीए ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इस मुद्दे पर कोर्ट ने प्रशासन के फटकार लगाई। मनपा की ओर से एड. सुधीर पुराणिक ने पैरवी की।
6 हजार से ऊपर अवैध निर्माण
इससे पहले कोर्ट की सुनवाई में शहर के कुल अवैध निर्माणों की विस्तृत जानकारी पेश की गई थी। इस में मनपा के भीतर 1544 निर्माण, नासुप्र की सीमा के भीतर 4675 ओर नागपुर महानगर विकास प्राधिकरण की सीमा के तहत 3019 अवैध निर्माण हैं। इन में से अकेले शहर में 6 हजार से ज्यादा अवैध निर्माण होने की बात सामाने आई थी।
अब तक 1368 निर्माण तोड़े
शहर और आसपास के इलाकों में 1368 अवैध निर्माण तोड़े गए हैं और पिछले साल 451 अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया गया, यह जानकारी पिछली सुनवाई में मनपा ने कोर्ट में दी थी।