समस्या: मेडिकल प्रबंधन को मनपा का नोटिस
दीपावली पर शहर भर में कचरा बढ़ा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। दीपावली पर शहर भर में कचरे की मात्रा बढ़ने से सफाई को लेकर परेशानी हो रही है। ऐसे में बुधवार की सुबह कचरा संकलन एजेंसी एजी एन्वायरों के कर्मचारी कचरा उठाने मेडिकल कालेज परिसर में पहुंचे थे। इस दौरान करीब डेढ़ टन के 50 काले रंग के बैग में संकलित कचरा दिया गया, लेकिन कचरे के बैग को खोलकर जांच करने पर मेडिकल बायोवेस्ट पाया गया। इस मामले की जानकारी मनपा अधिकारियों को दी गई। इसके बाद उपद्रव शोध पथक के जवानों ने घटनास्थल पर पहुंचकर कचरे की जांच की और नोटिस को दीवार पर चिपका दिया है। वहीं दूसरी ओर कचरा संकलन एजेंसी का आरोप है कि मनपा की ओर से मेडिकल कालेज प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई नहीं करने से कंपनी को नाहक रूप से बदनाम होना पड़ रहा है। वहीं मेडिकल प्रशासन का कहना कि की कचरा कंपनी को आठ दिन से कचरा उठाने के लिए फोन कर रहे हैं मगर वे नहीं आए।
कार्यक्रम के चलते वाहनों की आवाजाही बंद : आगामी 1 दिसंबर को मेडिकल कालेज के स्थापना दिवस पर आयोजित किए गए भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शामिल होने के चलते जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। ऐसे में मेडिकल कालेज परिसर में कई रास्तों को बंद कर दिया गया है, तो कई रास्तों से केवल एम्बुलेंस को गुजरने की अनुमति दी गई है। ऐसे में कचरा संकलन के लिए वाहनों को आने में भी दिक्कत हो रही है। ऐसे में करीब तीन दिनों से कचरा संकलन नहीं हो पाया था। कचरा संकलन के लिए पहुंचने पर मेडिकल बायोवेस्ट को पाया गया।
हर तरफ से लापरवाही : शहर में कचरा संकलन करनेवाली कंपनियों की ओर से भी नियमों की अनदेखी हो रही है। कचरा संकलन करनेवाले कर्मचारियों को हैंड ग्लोज, गमबूट समेत पर्याप्त सुरक्षा सामग्री मुहैया नहीं कराई गई है। कचरा कंपनी के संचालक का तर्क है कि लगातार घाटे के चलते हालात मुश्किल हैं, लेकिन मनपा के अधिकारी कोई भी पहल करने की बजाय दंडात्मक कार्रवाई का निर्देश देते हैं। ऐेसे में कचरा संकलन करनेवाले कर्मचारियों के बुरे हाल हो रहे हैं। कुछ दिनों पहले सफाई कर्मचारी को कचरे में इंजेक्शन की सुई लगने से बीमार हो गया था। करीब 4 दिनों तक कर्मचारी को बीमार रहना पड़ा था। मंगलवार को धरमपेठ परिसर में होटल संचालक ने सामान्य कचरे में कांच की टूटी बोतलों को दिया था। इस कचरे को उठाने में कचरा संकलन कंपनी के कर्मचारी के पैर में कांच चुभ गया।
कंपनी और मेडिकल ने लगाए एक-दूसरे पर आरोप : कचरा संकलन करनेवाली एजेंसी एजी एन्वायरों कंपनी के संचालक डॉ समीर टोनपे ने पूरे मामले में मनपा और मेडिकल कालेज पर आरोप लगाया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन की ओर से सामान्य कचरे के बैग में हमेशा ही सीरिंज वाला कांच, रक्त की बोतल, इंजेक्शन समेत अन्य बायोवेस्ट दिया जाता है। सामान्य कचरे का काला बैग हर मर्तबा खोलकर जांच करना संभव नहीं होता है, लेकिन डंपिंग यार्ड में पहुंचने पर कचरे में मिलावट का आरोप लगाकर मनपा के अधिकारी दंडात्मक कार्रवाई करते हैं। ऐसे में पिछले दो दिनों से कचरा कंपनी ने मेडिकल कालेज परिसर से कचरा उठाने से इंकार कर दिया था। वहीं मेडिकल प्रशासन का कहना है कि एजी एन्वायरों कंपनी पिछले आठ दिन से मेडिकल में कचरा उठाने नहीं आई। इसके लिए हमने उन्हें कई बार फोन भी किए। वे अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।
मेडिकल कालेज और मनपा की अनदेखी : हमारी कंपनी पर मनपा और स्थानीय नेता कचरे में मिलावट करने का आरोप लगाते हैं। ऐसे में पिछले तीन दिनों से हमने मेडिकल कालेज परिसर से कचरा संकलन करना बंद कर दिया था। बुधवार को अधिकारियों के निर्देश पर कचरा संकलन करने के लिए मेडिकल कालेज परिसर में वाहन पहुंचे। ऐसे में बैग को खोलने पर सामान्य कचरे वाली काली प्लास्टिक बैग में मेडिकल बायोवेस्ट पाया गया। करीब डेढ़ टन मेडिकल बायोवेस्ट को मनपा के अधिकारियों को वीडियो रिकार्डिग के साथ भेजा है। - डॉ समीर टोनपे, प्रोजेक्ट संचालक, एजी एन्वायरों कंपनी
नोटिस देकर विलगीकरण का निर्देश : कचरा संकलन एजेंसी की ओर से सूचना मिलने पर मेडिकल कालेज परिसर का निरीक्षण किया गया। इस दौरान सामान्य कचरे को संकलन करनेवाली काली प्लास्टिक बैग में मेडिकल बायोवेस्ट पाया गया, नियमों के तहत मेडिकल बायोवेस्ट को लाल रंग की बैग में सुपर्बहाइजिन कंपनी को देना चाहिए। -वीरसेन तांबे, प्रमुख, उपद्रव शोध पथक