असर: कोहरे के कारण करोड़ों रुपए की रेल टिकटें हुई कैन्सिल, नागपुर से 15 करोड़ से ज्यादा की टिकटें शामिल
- गाड़ियों की लेट-लतीफी मुख्य कारण
- दिल्ली लाइन की गाड़ियां सबसे अधिक प्रभावित
- 2 लाख से ज्यादा यात्रियों ने जनवरी में की टिकटें रद्द
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोहरे के कारण दिसंबर माह के आखिर से ट्रेनों की रफ्तार धीमी हो गई है। जिसका सीधा असर कैन्सीलेशन पर पड़ते दिख रहा है। अधीकृत आंकड़ों के अनुसार जनवरी माह में नागपुर विभाग से 19 करोड़ से ज्यादा की टिकटें कैन्सिल हुई हैं। जिसमें नागपुर स्टेशन से 15 करोड़ से ज्यादा की टिकटें शामिल हैं। ज्यादातर टिकटें गाड़ियों की लेट-लतीफी से कैन्सिल हुई हैं।
काेहरे से गति पर पड़ता है असर : दिसंबर के आखिर से पूरे जनवरी माह तक कड़ाके की ठंड रही है। जिससे पहाड़ी इलाकों में घना कोहरा छाया रहा। मीलों दौड़नेवाली ट्रेनों के आगे कोहरा आने से सुरक्षा की दृष्टि से इन्हें रेल प्रशासन कॉशन पर चलाती है। ताकि आपातकालीन स्थिति में गाड़ियों को सुरक्षित अंतर पर रोका जा सके। लेकिन 110 की रफ्तार पर चलनेवाली गाड़ियों को एकाकी 60 व 40 की रफ्तार पर कुछ हिस्सें में चलाने से गाड़ियां गंतव्य तक देरी से पहुंचती हैं।
इंतजार संभव नहीं : नागपुर स्टेशन पर आनेवाली दिल्ली लाइन की गाड़ियां लगातार 11-11 घंटे तक देरी से आती रहीं। जिसमें देहरादून-मदुरै एक्सप्रेस, निजामुद्दीन-रायगढ़ एक्सप्रेस, दिल्ली-हैद्राबाद एक्सप्रेस, निजामुद्दीन-बंगलुरू एक्सप्रेस, तेलंगाना-नई दिल्ली एक्सप्रेस, जीटी एक्सप्रेस, दक्षिण एक्सप्रेस आदि गाड़ियां शामिल है। ऐसे में यात्रियों के लिए इंतजार संभव नहीं हो पाता है। जिससे उन्होंने टिकटें कैन्सिल करना ही ठीक समझा। इसके अलावा कई गाड़ियां रद्द होने से भी यात्रियों की टिकटें रद्द हुई हैं।
नागपुर मंडल में सबसे ज्यादा कैन्सिलेशन : 1 जनवरी से 31 जनवरी की बात करें तो नागपुर विभाग में कुल 7 लाख 41 हजार से ज्यादा यात्रियों ने टिकटें बुक की थीं। जिसमें 2 लाख 8 हजार से ज्यादा यात्रियों ने टिकटें कैन्सिल की हैं। परिणामस्वरूप रेलवे की तिजोरी से 19 करोड़ 75 लाख 50 हजार 9 सौ 12 रुपये वापिस यात्रियों की जेब में गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा कैन्सिलेशन नागपुर मंडल में हुआ है। उपरोक्त अवधि में नागपुर मंडल में 5 लाख 41 हजार यात्रियों ने टिकटें बुक की थीं। जिसमें डेढ़ लाख से ज्यादा यात्रियों ने टिकटें कैन्सिल करते हुए रेलवे की तिजोरी से 15 करोड़ 96 लाख 65 हजार 3 सौ 81 रुपये वापिस ले लिए हैं। ट्रेनों से सफर करनेवाले कई यात्रियों ने घंटों देरी से चलनेवाली ट्रेनों की टिकटें रद्द कर निजी व एस टी बसों का रूख किया। जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना भी करना पड़ा।
रेलवे की उपाययोजना बेकार : इस बार कोहरे पर वार का तर्क देते हुए रेलवे की ओर से कोहरे से गाड़ियां लेट नहीं होने का विश्वास भी दिखाया था। अलग-अलग तकनीकों का इस्तेमाल भी किया था। जिसमें पूरे मध्य रेलवे में पटरियों को डीवाइसेस लगाए हैं। लेकिन लगातार देरी से पहुंचनेवाली ट्रेनों ने रेलवे के सब वार बेकार जाने की गवाही दी है।
अजनी रेलवे स्टेशन पर बुकिंग कार्यालय और सुविधाओं का अस्थायी स्थानांतरण : चल रहे पुनर्विकास कार्य के कारण मध्य रेल ने 7 फरवरी से प्रभावी अजनी रेलवे स्टेशन पर आवश्यक सुविधाओं के अस्थायी स्थानांतरण की घोषणा की है।, मौजूदा बुकिंग कार्यालय, वेटिंग हॉल, रिटायरिंग रूम और अन्य संबंधित कार्यालयों को पुनर्विकास प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए अस्थायी व्यवस्था में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। अस्थायी बुकिंग कार्यालय, वेटिंग हॉल और रिटायरिंग रूम, अन्य सुविधाओं सहित दोपहिया वाहन पार्किंग क्षेत्र के पास, वर्धा स्टेशन की दिशा में लगभग 100 मीटर की दूरी पर स्थापित किया गया है। इस स्थानांतरण का उद्देश्य पुनर्विकास कार्य की प्रगति के दौरान यात्रियों को निर्बाध सेवा प्रदान कराना है। रेलवे ने यात्रियों से अपील की है, कि वे इस अवधि के दौरान अनारक्षित टिकट बुकिंग, पार्सल बुकिंग और अन्य सुविधाओं जैसी सेवाओं के लिए अस्थायी बुकिंग कार्यालय का उपयोग करें। अजनी रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास मध्य रेलवे के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और अपने नेटवर्क में यात्री अनुभव को बेहतर बनाने के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है।