अनदेखी: नागपुर में नजूल विभाग का बुरा हाल, पड़ी हैं फाइलें , देखने वाला कोई नहीं
- नागपुर जिले में हजारों एकड़ में नजूल की जमीन
- बड़े पैमाने पर नजूल की जमीन पर बसी है बस्तियां
- लोग कार्यालय आकर बैरंग लौट रहे
डिजिटल डेस्क, नागपुर । सरकारी जमीन पर हुए अतिक्रमण से लेकर पट्टा वितरण का काम करने वाले नजूल विभाग का बुरा हाल है। इस संवेदनशील विभाग में फिलहाल कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं है। विभाग की मुखिया तहसीलदार सीमा गजभिए व नायब तहसीलदार आभा बोरकर का तबादला होने के बाद यहां आने वाली फाइलों को देखने वाला कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं है।
नागपुर जिले में हजारों एकड़ में नजूल की जमीन है। शहर व ग्रामीण दोनों जगह बड़े पैमाने पर नजूल की जमीन पर बस्तियां हैं। सरकार समय-समय पर ऐसी बस्तियों का मालिकाना हक संबंधितों को देकर पट्टे का वितरण करती है। हालांकि, इस जमीन की मूल मालिक सरकार होती है और यह जमीन बेची नहीं जा सकती। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर शहर की कई झोपड़पट्टिबड़े पैमाने पर नजूल की जमीन पर बस्तियां तहसीलदार सीमा गजभिए व नायब तहसीलदार आभा बोरकर का तबादला हो चुका है। एक अन्य नायब तहसीलदार रवींंद्र खोब्रागड़े सेवानिवृत्त हो गए हैं।
लोग कार्यालय आकर बैरंग लौट रहे : नजूल की जमीन का ग्राउंड रेट वसूलने, लीज बढ़ाने, धारक को एनओसी जारी करने, धारक का नाम बदलने जैसे काम इस विभाग को करना होते हैं। चूंकि, यह सरकारी जमीन होती है, इसलिए सारे काम बहुत बारीकी से करने पड़ते हैं। सरकार की ओर से इसका ऑडिट भी किया जाता है। इतने अहम विभाग में कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं होने से फाइलों का निपटारा नहीं हो पा रहा है। लोग कार्यालय आकर बैरंग लौट रहे हैं।
अब ऑनलाइन आवेदन करो : पहले नजूल विभाग में ऑफलाइन आवेदन होता था। इसी के साथ जमीन, भाड़ा पट्टी व लीज संबंधी दस्तावेज देने होते थे। जिलाधीश डॉ. विपिन इटनकर के आदेश पर अब यहां ऑनलाइन आवेदन करना है। दस्तावेजों का सबमिशन भी ऑनलाइन ही करना है। जिन फाइलों का निपटारा अब तक नहीं हो सका है, उन सभी का अब ऑनलाइन सबमिशन करने को कहा गया है।
नेम प्लेट लटकी हैै : तहसीलदार सीमा गजभिए का तबादला और नायब तहसीलदार रवींद्र खोब्रागड़े रिटायर्ड हो गए हैं, लेकिन दोनों अधिकारियों की नेम प्लेट अभी भी लगी हुई है। पीड़ित लोग यहां पहुंचने पर नेम प्लेट देखकर इन लोगों से संपर्क करने का प्रयास करते हैं। दोनों अधिकारी यहां नहीं होने की जानकारी मिलने पर नाराज होकर लौट जाते हैं।