नाराजगी: बढ़ती दुर्घटनाओं पर कोर्ट ने लगाई फटकार, कहा- रांग साइड पर रोक सिर्फ चालान फाड़ने से नहीं

  • हाई कोर्ट ने पूछा-ऐसे वाहन चालकों से निपटने की क्या योजना
  • यातायात नियमों का धड़ल्ले से उल्लंघन किया जा रहा
  • ट्रैफिक पुलिस चालान फाड़कर मूकदर्शक बनी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-15 05:27 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर । शहर में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की गई है। मामले पर बुधवार हो हुई सुनवाई में कोर्ट कहा कि, सिर्फ चालान फाड़ने से यातायात नियमों का प्रभावी अमल नही होगा। साथ ही काेर्ट ने यह भी सवाल किया कि, ‘रांग साइड’ गाड़ी चलाकर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों से निपटने की क्या योजना है? इस पर यातायात पुलिस विभाग को दो सप्ताह में शपथ-पत्र दायर करना है। उल्लेखनीय है कि शहर के कई मुख्य मार्गों पर लंबा यू टर्न में वाहन चलाकर मोड़ने की बजाए वाहन चालक रांग साइड से जाकर अपने गंतव्य की ओर जाते हैं।   ट्रैफिक पुलिस की नजर में आते ही इनके खिलाफ चालान फाड़ा जाता है। ऐसे लोग चालान बनने के बाद कुछ दिन तो सही रहते हैं लेकिन बाद में फिर वही हरकत करते हैं। ऐसे लोगों को सबक सिखाने के लिए कोई प्लान करना जरूरी माना जा रहा है। 

कोर्ट ने लगाई फटकार : एड. संदीप बदाना ने यह जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दाभा रिंग रोड, जगदीश नगर, गोरेवाड़ा रिंग रोड की समस्याओं को लेकर सुरक्षात्मक कदम उठाने की मांग की गई है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा, एक आेर शहर के नागरिकों द्वारा यातायात नियमों का धड़ल्ले से उल्लंघन किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पुलिस केवल मूकर्दशक बनी है। साथ ही कोर्ट ने विपरीत दिशा में गाड़ी चलाने के मुद्दे पर फटकार लगाते हुए कहा कि पुलिस को सिर्फ चालान फाड़ने और जुर्माना वसूल करने में ही दिलचस्पी है। इसलिए कोर्ट ने अगली सुनवाई में डीसीपी ट्रैफिक को कोर्ट में हाजिर रहने के आदेश दिए। 

कोर्ट में हाजिर हुए डीसीपी : मामले पर बुधवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई। आदेश के अनुसार यातायात पुलिस विभाग के उपायुक्त कोर्ट में हाजिर थे। कोर्ट ने आज फिर से ‘रांग साइड’ से गाड़ी चलाने वालों से होने वाली यातायात समस्या का मुद्दा उठाया और यातायात पुलिस विभाग को इनसे निपटने की क्या प्रभावी योजना है, इस पर शपथ-पत्र दायर करने के आदेश दिए।

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