निर्दश: मानव तस्करी पर रोक लगाएं : डॉ. गोर्हे
विशेष पुलिस महानिरीक्षक की अध्यक्षता में बनाई समिति, 15 दिन में देनी है रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधान परिषद की उपाध्यक्ष डॉ. नीलम गोर्हेे ने खड़ीगंमत और इसी तरह की कला गतिविधियों के माध्यम से होेनेवाले महिलाओं के शोषण की रोकथाम के लिए अंतरराज्यीय मानव तस्करी पर रोक लगाने के निर्देश दिए। डॉ. गोर्हे ने हाल ही में भंडारा जिले में खड़ीगंमत कार्यक्रम के नाम पर महिलाओं के साथ हुए अपमानजनक कृत्य को गंभीरता से लेते आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के निर्देश पुलिस विभाग को दिए।
नियमों और शर्तों को सख्ती से पूरा किया जाना चाहिए : उपसभापति डॉ. गोर्हे ने रवि भवन में इस मामले को लेकर विशेष पुलिस महानिरीक्षक छेरिंग दोरजे व भंडारा जिला पुलिस अधीक्षक लोहित मतानी के साथ बैठक कर पूरे मामले की जानकारी ली। खडीगमंत कार्यक्रम के नाम पर महिलाओं पर पैसा लूटाना, निर्वस्त्र नृत्य कराने जैसी घटना पर चिंता जताई। निर्वस्त्र नृत्य कराना महिलाओं के मानवाधिकारों का उल्लंघन आैर अपमानजनक है। खड़ीगंमत और इसी तरह की कला गतिविधियों के लिए अनुमति देते समय सख्त नियमों और शर्तों को सख्ती से पूरा किया जाना चाहिए।
डांस बार विरोधी कानून के तहत हो कार्रवाई : उन्होंने कहा कि लावणी के नाम पर ओडिशा, छत्तीसगढ़ राज्यों से नाबालिग लड़कियों को लाया गया था। दरअसल, ऐसे कार्यक्रमों के लिए दूसरे राज्यों से से लड़कियों को लाने के लिए संबंधित विभाग से इजाजत नहीं ली गई थी। यह मामला बेहद गंभीर है और अंतरराज्यीय मानव तस्करी की घटना को दर्शाता है। संबंधित राज्यों को इस घटना से अवगत कराया जाए और राज्य में ऐसे आयोजनों के नाम पर हो रही अंतरराज्यीय मानव तस्करी पर प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधों को लेकर डांस बार विरोधी कानून की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने इस घटना की जांच करने और आगे इस तरह की घटनाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए विशेष पुलिस निरीक्षक छेरिंग दोरजे की अध्यक्षता में कानूनी विशेषज्ञों, पुलिस, सामाजिक संगठनों आदि के प्रतिनिधियों के साथ एक समिति नियुक्त की जानी चाहिए और यह समिति अगले 15 दिन के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
कार्यक्रमों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए : राज्य में ऐसे कार्यक्रमों के लिए पुलिस विभाग के स्पष्ट नियम और शर्तें होनी चाहिए और आयोजकों द्वारा इसका सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। नाबालिग लड़कियों को ऐसे कार्यक्रमों में प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए आैर ऐसे कार्यक्रमों के दौरान पुलिस द्वारा वीडियो रिकॉर्डिंग की जानी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि ग्राम पंचायत, स्कूल, कॉलेज में कार्यक्रम की अनुमति देते समय सभी नियमों और शर्तों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला सतर्कता समिति और ग्रामीण स्तर पर महिला समितियों ने इस तरह के आयोजनों से पहले संबंधित सरकारी तंत्र को अपनी राय बतानी चाहिए।