हड़ताल से कामकाज प्रभावित: मार्ड के निवासी डॉक्टरों ने अधिकारियों को राखी बांधकर लिया सुरक्षा का वचन
- मार्ड के निवासी डॉक्टरों की हड़ताल से कामकाज प्रभावित
- पीआई, विधायक, सुरक्षा को बांधी राखी
डिजिटल डेस्क, नागपुर. कोलकाता की घटना के बाद मेयो व मेडिकल के मार्ड के निवासी डॉक्टरों ने काम बंद आंदोलन शुरु किया है। डॉक्टरों के आंदोलन के चलते सरकारी स्वास्थ्य सेवा पर असर हुआ है। अस्पतालों में सेवाओं में कमी आने से मरीज छुट्टी लेने लगे हैं। ओपीड़ी, आईपीडी, सर्जरी आदि प्रभावित हो चुकी है। कोलकाता मामले में डॉक्टरों ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की गई है। इस बीच सोमवार को रक्षाबंधन होने से महिला डॉक्टरों ने अस्पतालों व बाहरी अधिकारियों को राखी बांधकर सुरक्षा की गुहार लगायी।
पीआई, विधायक, सुरक्षा को बांधी राखी
मेयो अस्पताल में मार्ड के निवासी डॉक्टरों में से डॉ. पूजा साई, डॉ. पल्लवी गजभिये, डॉ. शेफाली नालमवार समेत अन्य महिला डॉक्टरों ने विविध स्थानों पर जाकर राखियां बांधी। गांधीबाग तहसील पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संदीप बुआ विधायक विकास कुंभारे, अधिष्ठाता डॉ. रवि चव्हाण, सुरक्षा जवान, सभी विभाग प्रमुख, चिकित्सा अधीक्षक, वरिष्ठ डॉक्टर्स को राखी बांधी गई। मेडिकल में रक्षाबंधन पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये, उपअधिष्ठाता देवेंद्र माहोरे, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे आदि उपस्थित थे। मार्ड की महिला डॉक्टरों ने सभी को राखी बांधकर सुरक्षा का वचन लिया। महिला डॉक्टरों ने सुरक्षा जवानों को भी राखी बांधी।
सेवाएं नहीं मिलने से निराश मरीज
आंदोलन के दौरान अनेक सेवाएं प्रभावित हुई है। आपात सेवा छोड़ अन्य ओपीडी व सामान्य सेवाएं बंद है। मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मेयो, मेडिकल में डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को सेवाएं नहीं मिल पा रही है। वार्ड के भर्ती मरीजों को सामान्य सर्जरी के लिए तारीकें दी गई थी। समय पर सर्जरी नहीं होने से वे छुटि्टयां लेकर र जा रहे हैं। वहीं एमआरआई, सोनोग्राफी, सीटी स्कैन के लिए लंबी तारीखें दी जा रही है। भर्ती होनेवाले मरीजों की संख्या घट चुकी है। आपात जांच के लिए लंबी कतारेें होने से इंतजार करना पड़ रहा है। मेयो मार्ड के डॉक्टरों ने केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी को निवेदन देकर केंद्रीय सुरक्षा कानून मंजूरी के लिए नेतृत्व करने की गुहार लगायी गई। इस अवसर पर डॉ.दीक्षा बजाज, डॉ.पूजा साई, डॉ.पल्लवी जायभाये, डॉ.शुभम महल्ले, डॉ.बालगंगाधर द्विवेदी, डॉ.अनिकेत दौंड, डॉ.कुणाल राऊत आदी उपस्थित होते.