नागपुर: राज्य सरकार पर जिला पंचायत का 135 करोड़ रुपए मुद्रांक शुल्क व राजस्व उपकर बकाया
- साल 2016-2017 से नहीं मिला मुद्रांक शुल्क
- दस साल में राजस्व उपकर 6.69 करोड़ अप्राप्त
डिजिटल डेस्क, नागपुर. मुद्रांक शुल्क जिला परिषद के आय का मुख्य स्रोत माना जाता है। पंजीयन महानिरीक्षक, महाराष्ट्र राज्य पुणे कार्यालय से जिला परिषद के हक के मुद्रांक शुल्क की सूचना दी जाती है। उसके आधार पर जिला परिषद वार्षिक बजट तैयार करती है। साल 2016-2017 से अब तक जिला परिषद का मुद्रांक शुल्क 129 करोड़, 21 लाख, 16 हजार रुपए राज्य सरकार पर बकाया है। वही जिप को मिलने वाला जमीन राजस्व वृद्धि उपकर, जमीन राजस्व उपकर व प्रोत्साहन अनुदान की रकम 6 करोड़, 69 लाख, 19441 रुपए राज्य सरकार पर बकाया है। साल 2013-2014 से 2020-2021 दरमियान मात्र 2 करोड़, 77 लाख, 66184 रुपए जिला परिषद को प्राप्त हुए हैं।
विकासकार्यों में बाधा
मुद्रांक शुल्क तथा जमीन राजस्व उपकर की रकम नहीं मिलने से जिला जिला परिषद की आर्थिक स्थिति डगमगाई है। तिजोरी खाली रहने से विकासकार्यों में बाधा आ रही है। जिले के नागरिक अनेक समस्या से जूझ रहे हैं। उसे सुलझाने के लिए जिप के पास निधि नहीं है। स्वास्थ्य केंद्रों में अत्यावश्यक सामग्री का अभाव है। स्कूलों में सुधार तथा नए उपक्रम चलाने में निधि की दिक्कत है। कृषि विभाग के माध्यम से किसानों के हित में योजनाओं पर अमल नहीं हो पा रहा है। महिलाओं का स्वास्थ्य तथा सबलीकरण की योजना लाने की चाहकर भी आर्थिक सीमा आड़ आ रही है। सड़कों का नवनिर्माण, सरकारी इमारतों की मरम्मत व रंग-रोगन पर खर्च नहीं कर पाने से बदरंग हो गई है।
मुद्रांक शुल्क बकाया रकम
साल मांग प्राप्त रकम बकाया
2016-2017 42.85 करोड़,82 हजार 40.11 करोड़, 37 हजार 2.74 करोड़, 45 हजार
2017-2018 41.39 करोड़, 93 हजार 37.13 करोड़, 54 हजार 4.26 करोड़, 39 हजार
2018-2019 41.32 करोड़, 89 हजार 37.78 करोड़, 82 हजार 3.54 करोड़,, 14 हजार
2019-2020 50.52 करोड़, 62 हजार 39.63 करोड़, 82 हजार 10.88 करोड़, 8 हजार
2020-2021 45.97 करोड़, 55 हजार 29.43 करोड़, 52 हजार 16.54 करोड़, 3 हजार
2021-2022 61.22 करोड़, 46 हजार 52.29 करोड़, 70 हजार 8.92 करोड़, 76 हजार
2022-2023 96.69 करोड़, 54 हजार 14.38 करोड़, 95 हजार 82.30 करोड़, 59 हजार
कुल 380 करोड़, 81 हजार 250.79 करोड़, 65 हजार 129.21 करोड़, 16 हजार