आरोप-प्रत्यारोप: मराठा आरक्षण को लेकर ओबीसी नेताओं में सामने आ रहे मतभेद, गुमराह करने का आरोप

  • राजनीति के लिए समाज का ले रहे आड़
  • सरकार के निर्णय पर नाराजगी
  • नेता लगा रहे एक-दूसरे पर आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-30 11:05 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मराठा आरक्षण को लेकर ओबीसी नेताओं में मतभेद सामने आने लगे हैं। आरोप लगाए जा रहे हैं कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए समाज को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। सत्तापक्ष के सहयोगी नेताओं के भी विपरीत बयान आ रहे हैं। ओबीसी समाज को न्याय देने की मांग की जाने लगी है। मराठा आरक्षण के संंबंध में सरकार ने प्रकाशित की अधिसूचना को अोबीसी नेता छगन भुजबल ने ओबीसी के लिए अन्यायकारक कहा है। राज्य में अन्न अापूर्ति मंत्री छगन भुजबल राकांपा अजित गुट के वरिष्ठ नेता हैं।

भुजबल की ओर से संकेत दिया गया है कि ओबीसी को न्याय की मांग के साथ आंदाेलन किया जा सकता है। उधर, राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के अध्यक्ष डॉ.बबनराव तायवाडे ने भुजबल की भूमिका पर असहमति व्यक्त की है। तायवाडे ने कहा है कि राज्य सरकार की अधिसूचना किसी पर समाज पर अन्याय करनेवाली नहीं है। इसलिए भुजबल की भूमिका का समर्थन नहीं किया जा सकता है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि ओबीसी का आरक्षण एक शून्य भी कम नहीं होगा। भुजबल ने ओबीसी नेताओं के साथ बैठक कर कहा है कि कुणबी प्रमाण पत्र देकर पिछले दरवाजे से मराठा को ओबीसी में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार के निर्णय पर नाराजगी जताई गई है।

सरकार कुछ नया नहीं कर रही : तायवाड़े : ओबीसी समाज को न्याय की मांग के साथ लंबे समय तक नागपुर में सरकार के विरोध में आंदोलन में शामिल रहे राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के अध्यक्ष डॉ.तायवाडे ने कहा है कि सरकार ने मराठा समाज को आरक्षण के संबंध में अध्ययन के बाद अधिसूचना जारी की है। अनेक लोगों का मत जाना गया है। मराठा-कुणबी या कुणबी-मराठा के तौर पर लाखों पंजीयन सरकार को मिला है। उनमें से लगभग 99.99 प्रतिशत पंजीयन पुराने हैं। कई लोगों के पास पुराने जाति प्रमाणपत्र हैं। जिनका नाम पंजीकृत हैं उन्हें जाति प्रमाण पत्र देने का कानून है। सरकार कुछ भी नया नहीं कर रही है।

मत व्यक्त का सभी को अधिकार : बावनकुले : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बावनकुले ने कहा है कि जिनका पंजीयन कुणबी नाम से हैं उन्हें प्रमाणपत्र देने का निर्णय सरकार ने लिया है। कुनबी पंजीयन के बाद भी प्रमाणपत्र नहीं मिल रहा था। मराठा समाज को आरक्षण देने से ओबीसी का आरक्षण एक प्रतिशत भी कम नहीं होगा। भुजबल के वक्तव्य को लेकर बावनकुले ने कहा है कि अपना मत व्यक्त करने का सभी को अधिकार है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व छगन भुजबल मिलकर बात करेंगे। उनका कन्फ्यूजन दूर होगा। 

Tags:    

Similar News