विपक्ष पर पलटवार: देवेंद्र फडणवीस बोले - अगली बार हमें पान सुपारी कार्यक्रम रखना पड़ेगा

  • मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों का विपक्ष पर पलटवार
  • मुहं खोलने से पहले सोचना सीख लें: शिंदे
  • विपक्ष शीतकालीन सत्र को लेकर गंभीर नहीं: अजित पवार

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-06 17:12 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. गुरुवार से शुरू हो रहे विधानमंडल के शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले सरकार ने चायपान कार्यक्रम रखा था। जिसका हर बार की तरह इस बार भी विपक्ष ने बहिष्कार किया। इस पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कटाक्ष करते हुए कहा कि विपक्ष के स्वभाव को देखते हुए अगली बार हमें पान सुपारी का कार्यक्रम रखना पड़ेगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी विपक्ष की महाविकास आघाड़ी के नेताओं द्वारा राज्य सरकार पर लगाए गए आरोपों का उसी शैली में उत्तर दिया।

एनसीआरबी रिपोर्ट पढ़ने का लें प्रशिक्षण: फडणवीस

फडणवीस ने कहा कि हमने चाय-पान का कार्यक्रम चर्चा के लिए आयोजित किया था। लेकिन विपक्ष के स्वभाव को देखते हुए अगली बार हमें पान सुपारी का कार्यक्रम रखना पड़ेगा। मुझे लगता है कि वह पान सुपारी के कार्यक्रम में आ सकते हैं। मैं विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार को बताना चाहता हूं कि देश में महाराष्ट्र ऐसा इकलौता राज्य है जिसकी अर्थव्यवस्था दूसरे राज्यों के मुकाबले काफी अच्छी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों पर मैं बता देना चाहता हूं कि जनसंख्या के अनुसार अपराध के मामले में महाराष्ट्र का नंबर आठवां है। विपक्ष को एनसीआरबी की रिपोर्ट पढ़ने का प्रशिक्षण लेना चाहिए।

हमारी सरकार में झूठे मामले दर्ज नहीं किए जाते: एकनाथ शिंदे

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि लगता है तीन राज्यों में प्रधानमंत्री मोदी को मिली सफलता से विपक्ष का मनोबल गिरा हुआ है। यही कारण है कि वह चाय-पान की पार्टी में नहीं पहुंचे। राज्य में बढ़ते हुए अपराध पर मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि हमारी सरकार में झूठे अपराध के मामले दर्ज नहीं किए गए हैं। जैसा ठाकरे सरकार में किया गया था। इसलिए मुंह खोलने के पहले विपक्ष को सोचना चाहिये।

विपक्ष शीतकालीन सत्र को लेकर गंभीर नहीं: अजित पवार

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विपक्ष के उस पत्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने जो पत्र मुख्यमंत्री को भेजा है, उस पत्र में 23 लोगों के नाम लिखे हैं। जिनमें से सिर्फ सात लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं। इस पत्र को लेकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि विपक्ष विधानमंडल के इस सत्र को लेकर कितना गंभीर है।

Tags:    

Similar News