नागपुर: जगह नहीं मिलने से अजनी स्टेशन का विकास कार्य थमने के आसार, प्रोजेक्ट पर संकट
- रेलवे के जमीन मांगने पर लीज समाप्त होने का खुलासा, लेकिन नहीं हुई कानूनी कार्रवाई
- मनपा की करोड़ों की जमीन पर चल रही दुकानें
- पुनर्विकास प्रोजेक्ट पर मंडरा रहे संकट के बादल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बरसों पहले लीज पर आवंटित जमीन से महानगरपालिका प्रशासन को सालों से लीज शुल्क नहीं मिला है। इतना ही नहीं जमीन के व्यावसायिक इस्तेमाल होने की जानकारी के बाद भी मनपा को कानोंकान खबर तक नहीं हुई है। अब अजनी रेलवे स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार के समीप के भूखंड को रेल विभाग ने मांगने पर जानकारी को जमा करने का प्रयास हो रहा है। हैरानी यह है कि इस जमीन के बदले रेलवे की जगह लेकर मनपा ने वंजारीनगर फ्लायओवर को बना भी डाला है, लेकिन लीजधारक का कब्जा हटाकर साल 1992 से लीज शुल्क समेत दंड की करोड़ों की राशि को लेकर अब भी मनपा के अधिकारी अनजान बने हुए हैं। करीब 318 वर्गमीटर की जमीन के हस्तांतरण नहीं होने से अजनी रेलवे स्टेशन के पुर्नविकास प्रोजेक्ट पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
साल 2017 में वंजारीनगर फ्लायओवर के निर्माणकार्य के लिए रेल प्रशासन की जमीन को हस्तगत करना पड़ा था। रेल विभाग ने मनपा प्रशासन को फ्लायओवर निर्माणकार्य के लिए 17492 वर्गमीटर की जमीन का हस्तांतरण किया था। इस जमीन का मूल्य करीब 37 करोड़ रुपए आंका गया था। रेल विभाग ने इस जगह के बदले में मनपा से अजनी रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार के पश्चिमी हिस्से की जमीन मांगी है। करीब 318.65 वर्गमीटर की जमीन को कब्जे में लेकर प्रस्तावित रेलवे स्टेशन पुर्नविकास योजना को पूरा करना था, लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी मनपा प्रशासन से रेल विभाग को जमीन का कब्जा नहीं दिया गया है, जबकि रेल विभाग की जमीन पर वंजारीनगर फ्लायओवर पर अब नियमित आवागमन भी आरंभ हो चुका है। इतना ही नहीं मनपा प्रशासन को अपनी जमीन के बारे में पूरी मरह से जानकारी भी उपलब्ध नहीं है।
1992 से लीज की रकम भुगतान नहीं
मनपा प्रशासन को अजनी रेलवे स्टेशन के समीप के भूखंड को लेकर पुख्ता जानकारी नहीं है। इस जमीन पर साल 1987 से लीजधारक के रूप में अमरचंद जयचंद जैन का कब्जा है। अमरचंद जैन ने रिहायशी इस्तेमाल की जमीन पर कई दुकानों को संचालित कर रखा है। इतना ही नहीं साल 1992 से मनपा को लीज की रकम का भुगतान भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। स्थावर विभाग के दस्तावेजों के मुताबिक बरसों पहले मूल लीजधारक के रूप में हीरालाल शिवजी को रिहायशी इस्तेमाल के लिए 42,000 वर्गफीट के भूखंड क्रमांक 65 को आवंटन हुआ था, लेकिन हीरालाल शिवजी ने बगैर कोई अनुमति के भूखंड क्रमांक 65 के हिस्से 318.65 वर्गमीटर जमीन को अमरचंद जैन को बेच दिया है। अमरचंद जैन ने दस्तावेजों के साथ साल 1987 में 30 सालों के लिए लीज को नवीनीकरण किया था, लेकिन लीज की रकम और रकम भुगतान नहीं होने पर कार्रवाई को लेकर मनपा के पास कोई भी जानकारी नहीं है। ऐसे में आधिकारिक दस्तावेजों के मुताबिक साल 1992 से मनपा को लीज शुल्क का भुगतान नहीं हो रहा है।
जानकारी लेकर कानूनी प्रक्रिया आरंभ करेंगे
निर्भय जैन, उपायुक्त, स्थावर विभाग के मुताबिक मनपा और रेल विभाग के बीच भूखंड के हस्तांतरण को लेकर फिलहाल जानकारी नहीं है। पूरे मामले की जानकारी लेकर कानूनी प्रक्रिया को आरंभ किया जाएगा। मनपा की जगह के चलते रेलवे स्टेशन के जीर्णोद्धार अथवा पुर्ननिर्माण प्रकल्प को दिक्कत नहीं होगी। प्रशासन की ओर से शहरी क्षेत्र में संपत्तियों का निरीक्षण भी किया जा रहा है।
कैसी है स्टेशन पुनर्विकास परियोजना
अजनी रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना का शुभारंभ 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों किया गया। प्रस्तावित योजना के लिए 359.82 करोड़ की लागत तय की गई है। इस पूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 40 माह की समयावधि को निर्धारित किया गया है। प्रस्तावित योजना में अजनी रेलवे स्टेशन के दोनों ओर के हिस्से में स्टेशन बिल्डिंग को तैयार किया जाएंगा। स्टेशन को मल्टीमॉडल स्टेशन के रूप में मेट्रो स्टेशन, सिटी बस समेत अन्य परिवहन सुविधा से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही स्टेशन परिसर में 21 लिफ्ट, 17 एस्केलेटर भी लगाए जाएंगे। मल्टीलेवल पार्किंग सुविधा, दिव्यांग यात्री सुविधा, वेटिंग रूम, सीसीटीवी सुविधा के साथ ही पूरे परिसर को ग्रीन बिल्डिंग के रूप में तैयार किया जाएगा। इमारतों के लिए सौर ऊर्जा, बरसाती जल संरक्षण और संचयन सुविधा भी होगी।