बयानबाजी: देशमुख और तटकरे एक दूसरे को दे रहे चुनौतियां, लंबे समय से है राजनीतिक स्पर्धा

  • निराधार दावे करते रहते हैं
  • लंबे समय से राजनीतिक स्पर्धा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-02 08:50 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. कभी राकांपा में साथ रहे अनिल देशमुख व सुनील तटकरे के बीच बयानबाजी जारी है। बयानाें के माध्यम से दोनों परस्पर चुनौतियां दे रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में देशमुख ने सोशल मीडिया के माध्यम से तटकरे को कहा है कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद साफ हो जाएगा कि कौन, कहां जा रहा है। तटकरे ने एक दिन पहले ही कहा था कि राकांपा शरद गुट के 5 से 6 विधायक राकांपा अजित गुट में शामिल होनेवाले हैं। तटकरे ने देशमुख के नाम का जिक्र नहीं किया था। लेकिन देशमुख ने तटकरे के दावे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। इससे पहले भी देशमुख व तटकरे के बीच जमकर बयानबाजियां हुई।

निराधार दावे करते रहते हैं

शरद पवार के नेतृत्व को लेकर देशमुख ने कहा था कि जिन्हें पवार ने नेता बनाया वे ही उनका साथ छोड़ गए। एक बार देशमुख ने दावा किया कि नाशिक के होटल में जहां शरद पवार व जयंत पाटील ठहरे थे वहां सुनील तटकरे उनसे मिलने गए थे। यह भी कहा कि जो राकांपा व शरद पवार को छोड़ गए उन्हें वापस नहीं लिया जाएगा। इस पर तटकरे ने कहा कि देशमुख निराधार दावे करते रहते हैं। वह पराजय व निराशा के कारण परेशान हैं। देशमुख को उपकार नहीं भूलना चाहिए। देशमुख व तटकरे के बीच बयानबाजी के बीच राकांपा नेता छगन भुजबल ने भी प्रवेश कर देशमुख का विरोध किया था।

लंबे समय से राजनीतिक स्पर्धा

गौरतलब है कि देशमुख व तटकरे के बीच लंबे समय से राजनीतिक स्पर्धा है। अविभाजित राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर तटकरे थे तब भी देशमुख के साथ उनके संगठनात्मक रिश्ते में खटास व्यक्त हो रही थी। कहा जा रहा था कि राजनीति व मंत्रिमंडल में तटकरे देशमुख से कनिष्ठ रहे हैं इसलिए दोनों के बीच पद व सम्मान का विषय आड़े आते रहता है। देशमुख जब गृहमंत्री थे तब राकांपा के ही कुछ नेताओें पर अंदरूनी आरोप लगता था कि वे देशमुख की राह में कांटे बिछाने का प्रयास कर रहे हैं। उस दौरान भी तटकरे को देशमुख विरोधी दर्शाया जा रहा था।

 

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