असुरक्षा: वीवीआईपी परिसर की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल,डीसीएम पवार के बंगले की सुरक्षा में महज एक जवान

  • अन्य के बंगलों पर रहते हैं 5-5 जवान
  • सुरक्षा चौकी खाली पड़ी
  • कई बार खुला रहता है गेट

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-16 08:08 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपमुख्यमंत्री अजित पवार का रुतबा सरकार में नंबर दो के नेता का है। नागपुर में विजयगड़ नाम से उन्हें स्वतंत्र बंगला तो अलॉट हो गया, लेकिन बंगले की सुरक्षा में पुलिस का महज एक जवान तैनात रहता है। बंगले का जो एंट्री व एग्जिट गेट है, उसे खोलने या बंद करने के लिए भी कोई तैनात नहीं है। पुलिस आयुक्त, विभागीय आयुक्त व जिलाधीश के बंगले पर जहां एक समय में 5-5 जवान तैनात रहते है, वहीं उपमुख्यमंत्री पवार के बंगले पर महज एक सिपाही तैनात करना समझ से परे है। 

डीसीएम पवार के बंगले के एंट्री गेट व एग्जिट गेट पर सुरक्षा चौकी बनी हुई है। एंट्री गेट पर कोई जवान तैनात नहीं रहता। यहां की सुरक्षा चौकी खाली पड़ी रहती है। एक्जिट गेट की सुरक्षा चौकी में एक जवान तैनात रहता है। वह जवान अधिकांश समय चौकी में ही रहता है, इसलिए एक्जिट गेट पर दिखाई नहीं देता। एक्जिट गेट से गाड़ी बाहर निकलने के बाद गेट इसी तरह खुला रहता है। केवल एक जवान की तैनाती आैर एक्जिट गेट खुला रहना सुरक्षा की दृष्टि से चिंतनीय है। बंगला परिसर में दिन की शिफ्ट में एक आैर रात की शिफ्ट में एक जवान तैनात रहता है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बंगले देवगिरी की सुरक्षा चाक-चौबंद है। पुलिस की संतुष्टि के बाद ही यहां प्रवेश मिलता है।

लावारिस श्वान भी घूमते रहते हैं : डीसीएम पवार के विजयगड़ परिसर में दिन भर दो लावारिस श्वान घूमते रहते हंै। गार्डनिंग व फूल-पौधों की निगरानी में लगे कर्मचारी इन लावारिस श्वानों को भगाते रहते हैं। एंट्री व एग्जिट गेट पर कोई खड़ा नहीं रहने से लावारिस श्वानों का आना-जाना लगा रहता है। नागपुर शहर भी लावारिस श्वान के आतंक से कई वर्षों से त्रस्त है।

डीसीएम अजीत पवार को हल्के में लेने की चर्चा : डीसीएम पवार के बंगले में कार्यालय शुरू हुआ, ताकि नागपुर समेत विदर्भ के लोगों को समस्या लेकर मुंबई आने की जरूरत न पड़े। यहीं से शिकायत का निवारण हो, यह डीसीएम अजित पवार का उद्देश्य है, लेकिन प्रशासनिक कामकाज देखने व निपटारा करने के लिए अभी तक पर्याप्त अधिकारी व कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो सकी है। नागपुर सुधार प्रन्यास में कार्यरत चार ठेका कर्मियों को यहां कम्प्यूटर आपरेटर का काम दिया गया है। उपजिलाधीश सचिन यादव को यहां का आेएसडी बनाया गया है। शिकायत या निवेदन पर कार्यालयीन व प्रशासनिक प्रक्रिया हो सके, इसके लिए जरूरी क्लार्क, अधिकारी या डेस्क इंचार्ज उपलब्ध नहीं है। डीसीएम पवार सख्त व अनुशासन प्रिय नेता हैं, लेकिन यहां प्रशासन द्वारा डीसीएम को हल्के में लेने की चर्चा है।

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