नागपुर: समता-न्याय-बंधुत्व के मूल्यों पर टिका है लोकतंत्र - एड. मिर्जा

  • स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग में मनाया संविधान दिवस
  • समता-न्याय-बंधुत्व के मूल्यों पर टिका है लोकतंत्र
  • बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ के अधिवक्ता फिरदौस मिर्जा ने व्यक्त किए विचार

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-10 13:52 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. भारत का लोकतंत्र समता-न्याय-बंधुत्व के मूल्यों पर टिका है। यह उद्गार बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ के अधिवक्ता फिरदौस मिर्जा ने व्यक्त किए। नागपुर विद्यापीठ के स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग की ओर से आयोजित संविधान दिवस के कार्यक्रम में बतौर प्रमुख वक्ता वे मार्गदर्शन कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजनीति विज्ञान विभाग प्रमुख डॉ. विकास जांभुलकर और मुख्य अतिथि इंटरडिसिप्लिनरी स्टडीज के अधिष्ठाता डॉ. प्रशांत कडू, अधिसभा सदस्य तथा स्नातकोत्तर विधि विभाग प्रमुख डॉ. पायल ठावरे एवं डॉ. प्रविणा खोबरागड़े उपस्थित थे।

छात्र, बाबासाहब का संविधान सभा का आखिरी भाषण पढ़ें : एड. मिर्जा ने कहा कि, संविधान में पांच शब्द महत्वपूर्ण हैं। यदि भाईचारा नहीं है, तो समानता कैसे हो सकती है, यदि समानता नहीं है, तो न्याय कैसे हो सकता है। उन्होंने सर्वधर्म समभाव और धर्मनिरपेक्षता के बीच के अंतर को समझाया। भारतीय संविधान ने धर्मनिरपेक्षता की शिक्षा दी है, सर्वधर्म समभाव की नहीं। संविधान द्वारा दिए गए मूल्यों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास करें। यदि आप संविधान को बेहतर ढंग से समझना चाहते हैं, तो डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने संविधान सभा दिए आखिरी भाषण को पढ़ने की अपील छात्रों से की।

संविधान में धर्मनिरपेक्षता महत्वपूर्ण

डाॅ. प्रशांत कडू ने कहा कि, हमें संविधान में मूल कर्तव्य को जानकर इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी होगी। समस्याओं को हल करने और समाधान खोजने का आह्वान युवाओं से है, लेकिन, मौजूदा हालात में युवा वर्ग भ्रमित नजर आ रहा है। उन्होंने राजनीति विज्ञान के विद्यार्थी होने के नाते एक निश्चित नीति तय करने की अपील की। डॉ. विकास जांभुलकर ने कहा कि, संविधान के पांच मूल्यों में धर्मनिरपेक्षता सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने शिकागो के शोधकर्ताओं द्वारा संविधान पर किए गए शोध की जानकारी दी। शोधकर्ताओं ने कहा कि, संविधान आमतौर पर 17 साल तक रहता है और अठारह साल में खत्म होने की कगार पर आ जाता है, लेकिन 74 साल बाद भी भारतीय संविधान सभी मुद्दों पर मार्गदर्शन प्रदान करता है। उन्होंने कहा- भारतीय संविधान सर्वोत्तम संविधान है। कार्यक्रम का संचलन प्रा. प्रज्ञा नंदमाटे ने किया। आभार प्रा. प्राची वासनिक ने माना।


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