निशाना: शक्ति कानून मंजूर करने की मांग, पूर्व मंत्री देशमुख ने कहा - 3 साल से धूल खा रहा है प्रस्ताव
- पूर्व मंत्री देशमुख ने कहा-3 साल से केंद्र में धूल खा रहा है प्रस्ताव
- केंद्र में लंबित है
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में शक्ति कानून मंजूर करने की मांग राकांपा एसपी ने की है। पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की उपस्थिति व शहर अध्यक्ष दुनेश्वर पेठे के नेतृत्व में गुरुवार को वेरायटी चौक पर प्रदर्शन किया गया। राज्य में महिला अत्याचार की घटनाओं को लेकर केंद्र व राज्य सरकार की आलोचना की गई।
केंद्र में लंबित
पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बदलापुर की घटना का उल्लेख करते हुए राज्य सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि 3 वर्ष की बालिका पर अत्याचार की घटना को दबाने का प्रयास किया गया। सरकार ने 4-5 दिन तक मामला दर्ज नहीं किया। नागरिकों को जानकारी मिली कि भाजपा पदाधिकारी की शाला में बालिका पर अत्याचार हुआ है। उसके बाद सरकार पर दबाव पड़ा। देशमुख ने कहा- मैं गृहमंत्री था तब महिला पर अत्याचार के प्रकरण को लेकर ठोस कानून बनाने का प्रयास किया गया था। महाविकास आघाडी सरकार ने शक्ति कानून बनाने की प्रक्रिया शुरु की। उस प्रकरण के आरोपी को 21 दिन में फांसी की सजा देने की मांग की जा रही थी।
शक्ति कानून संबंधी विधेयक राज्य मंत्रिमंडल में मंजूर किया गया। िवधानसभा में मंजूरी के बाद अंतिम मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया। लेकिन 3 वर्ष से केंद्र में वह कानून लंबित है। शक्ति कानून को त्वरित मंजूर करने की मांग की गई। सरकार के विरोध में प्रदर्शन में प्रकाश गजभिये, रमण ठवकर, जानबा मस्के, वर्षा शामकुले, नूतन रेवतकर, अविनाश गोतमारे, शैलेंद्र तिवारी, रेखा कृपाले, राजा बेग, महेंद्र भांगे, मोरेश्वर जाधव, अरशद सिद्धीकी, राजूसिंह चव्हाण, अशोक कटले, शिव भेंडे, रिजवान अंसारी, तनुज चौबे, आशुतोष बेलेकर, अश्विन जवेरी, मिलिंद वाचनेकर, धनंजय देशमुख, शेखर पाटील, सुनील लांजेवार, उषा चौधरी, अशोक वाडीघरे, नसीम सिद्धीकी, कादिर शेख, ज्याेति लिंगायत, बबीता सोमकुवर, सुकेशनी नारनवरे, कनिजा बेगम, संगीता खोब्रागडे, मंजू गोडघाटे, लीना पाटील, रीना लांजेवार सहित अन्य कार्यकर्ता थे।