गर्व की बात: डिग्री शिक्षा का अंत नहीं, आजीवन जिज्ञासु बने रहें
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा - आज तकनीकी क्षेत्र में तेज गति से परिवर्तन
- 79 हजार छात्रों को डिग्री, 129 शोधर्थियों को पीएच.डी.
- नागपुर विश्वविद्यालय में डिग्री प्राप्त करने वाले करीब 80 हजार विद्यार्थियों में आधी से ज्यादा लड़कियां
डिजिटल डेस्क, नागपुर. ‘औपचारिक डिग्री प्राप्त कर लेना शिक्षा का अंत नहीं है। हमें जीवन भर जिज्ञासु बने रहना चाहिए और सीखते रहना चाहिए। आज जब तकनीकी क्षेत्र में तेज गति से परिवर्तन हो रहा है तब निरंतर सीखते रहना और भी आवश्यक हो जाता है।’ उपरोक्त आशय के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि किसी भी देश के विकास में अनुसंधान और नवाचार का महत्वपूर्ण योगदान होता है। वे शनिवार को राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ के 111वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। समारोह का आयोजन कविवर्य सुरेश भट सभागृह में किया गया था।
शोध को प्रोत्साहन समय की मांग
उन्होंने कहा कि नागपुर विश्वविद्यालय अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी विकास को प्रोत्साहित कर रहा है। यहां के विभाग सदस्यों के नाम से भारतीय पेटेंट कार्यालय में 60 से अधिक पेटेंट पंजीकृत हैं। स्टार्ट अप कल्चर हो प्रोत्साहित करने के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर भी स्थापित किया गया है। इसलिए नागपुर विश्वविद्यालय से अपेक्षा है कि वो स्थानीय समस्याओं और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अनुसंधान, नवाचार करें और उन नवाचारों को अमल में लाए। कार्यक्रम में प्र-कुलगुरु डॉ. संजय दुधे, कुलसचिव डॉ. राजू हिवसे, शिक्षकगण, छात्र और अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
लड़कियों की शिक्षा प्रगति में अमूल्य निवेश
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नागपुर विश्वविद्यालय के कार्याें का गौरव करते हुए कहा कि नागपुर विश्वविद्यालय में डिग्री प्राप्त करने वाले करीब 80 हजार विद्यार्थियों में आधी से ज्यादा लड़कियां हैं। 129 पीएचडी प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में 57 लड़कियां हैं। नागपुर विश्वविद्यालय और इसके 500 से अधिक संबद्ध कॉलेजों में लगभग 4 लाख विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह बड़े ही संतोष का विषय है कि कुल विद्यार्थियों में लगभग 40 प्रतिशत बेटियां हैं। मेरा मानना है कि लड़कियों की शिक्षा में निवेश करना, देश की प्रगति में अमूल्य निवेश है।
60 से अधिक पेटेंट यहां के विभाग सदस्यों के नाम से पंजीकृत
500 से अधिक संबद्ध कॉलेज नागपुर विश्वविद्यालय के गर्व
129 पीएचडी धारकों में 57 लड़कियों का होना उपलब्धि भरा
04 लाख से अधिक विद्यार्थी नागपुर विद्यापीठ के जीवंत प्रमाण
79 हजार छात्रों को डिग्री, 129 शोधर्थियों को पीएच.डी.
79,447 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। इसमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी संकाय-29641, वाणिज्य और व्यवस्थापन संकाय - 19843, मानव विज्ञान संकाय -19312, आंतर विद्या शाखीय अध्ययन संकाय - 3951 और स्वायत्त कॉलेज - 6400 और 300 को डिग्री प्रमाण-पत्र दिए गए। इसके अलावा 129 शोधार्थियों को पीएच.डी. से सम्मानित किया गया।
विश्वास - पूरा होगा सपना
भारत दुनिया को कुशल मानव संसाधन की आवश्यकता पूरी करेगा : रमेश बैस
राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि नई शिक्षा प्रणाली के साथ देश में परिवर्तन आ रहा है। नई शिक्षा नीति अनुसंधान, नवाचार और चिंतन पर जोर देती है। दुनिया की उत्कृष्ट जनशक्ति और प्रतिभा भारत के पास है। आज कई देश उम्मीद कर रहे हैं कि युवा देश भारत कुशल मानव संसाधन की आवश्यकता पूरी करेगा, जल्द ही यह सपना पूरा होगा। पूरे विश्व में भारत ने योग का प्रसार किया है। इसी अवसर को देखते हुए अब भारत को योग शिक्षक निर्माणकर्ता बनना चाहिए।
शोध से स्थानीय समस्याओं का समाधान करें ज्ञान को धन में परिवर्तित करना है : गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने कहा कि ज्ञान सबसे जरूरी है। हमें इस ज्ञान को धन में परिवर्तित करना है, तभी देश आत्मनिर्भर बनेगा। ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए समाज से गरीबी दूर करना और शिक्षा के माध्यम से मूल्याधित संस्कारित व्यक्ति का निर्माण करना, यह नागपुर विद्यापीठ की जिम्मेदारी है। आज विदर्भ को आर्थिक दृष्टि से संपन्न करने की चुनौती है। इसलिए विद्यापीठ को शोध के माध्यम से स्थानीय और विदर्भ की समस्याओं का समाधान करना आवश्यक है।
नागपुर विश्वविद्यालय शोध का केंद्र बने, देश को बनाना है आर्थिक महाशक्ति : फडणवीस
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि देश को आर्थिक महाशक्ति की ओर ले जाने में विश्वविद्यालय एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं, क्योंकि विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन तैयार कर रहे हैं। किसी भी उन्नत देश का उदाहरण देखिए, उस देश का विश्वविद्यालय शोध का केंद्र होता है। नागपुर विश्वविद्यालय भी ऐसा ही शोध का केंद्र बने।