दीक्षांत समारोह: डीपफेक तकनीक समाज के लिए बड़ा खतरा - राष्ट्रपति
- नागपुर विद्यापीठ का 111वां दीक्षांत समारोह
- डॉ. रामचंद्र तुपकरी, राजश्री रामटेके सम्मानित
- छात्रों का भावनात्मक लगाव
डिजिटल डेस्क, नागपुर. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और सूचना तकनीक का समन्वय कर मानव समाज और देश का समुचित विकास किया जा सकता है, लेकिन इसी तकनीक का दुरूपयोग करने से मानवता का नुकसान हाे रहा है। एक ओर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे जीवन के लिए सुगम है, वही दूसरी ओर डीपफेक का उपयोग समाज के लिए खतरा बन रहा है। सूचना तकनीक का बेहतरीन इस्तेमाल पूरी तरह से मानवीय विवेक और नैतिक शिक्षा पर निर्भर करता है। यह बात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहीं। वह राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ के कविवर्य सुरेश भट सभागृह में आयोजित 111 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं।
छात्रों का भावनात्मक लगाव
मार्गदर्शन करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उस विश्वविद्यालय से भावनात्मक रूप से जुड़े रहते हैं। उनके दिलों में अपने विश्वविद्यालय को आगे बढ़ते देखने की इच्छा होती है। प्रत्येक विश्वविद्यालय को अपनी बेहतरी के लिए उनका सहयोग लेना चाहिए। नागपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र भी इस संस्थान को एक ग्लोबल सेंटर ऑफ एक्सलेन्स के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
ये थे उपस्थित
दीक्षांत समारोह के अध्यक्ष राज्यपाल तथा विद्यापीठ के कुलपति रमेश बैस और मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उच्च शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील और कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी उपस्थित थे। इस समय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकाय से डी. एससी स्नातक प्राप्त करने वाले डॉ. रामचंद्र तुपकरी और डॉ. टी. वी. गेडाम स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली छात्रा राजश्री रामटेके को राष्ट्रपति के हाथों से सम्मानित किया गया। - नागपुर भास्कर भी पढ़ें