नागपुर: सड़क पर बे-खौफ दौड़ रही मौत, बगैर नंबर प्लेट के कचरा वाहन से नागरिकों को खतरा

  • कचरा संकलन और होटल वेस्ट लेकर जाने वाले वाहन
  • पिछले हिस्से में सुरक्षा कवच के रूप में लोहे के बार भी मौजूद नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-07 10:57 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर वर्धा रोड पर कचरा संकलन और होटल वेस्ट लेकर जाने वाले वाहन को देखकर शरीर में सिहरन होने लगती है। इस वाहन में पिछले हिस्से में सुरक्षा कवच के रूप में लोहे के बार भी मौजूद नहीं हैं, ऐसे में अचानक दुर्घटना होने पर बचने की संभावना ही नजर नहीं आती है। हैरानी यह है कि, इस वाहन को नंबर प्लेट भी नहीं है। दुर्घटना होने पर वाहन के चालक समेत फरार होने पर पुलिस की पकड़ में आने की कोई भी संभावना ही नहीं है। काफी खोजने पर वाहन के सामने के हिस्से में नंबर नजर आया। इस नंबर के आधार पर आरटीओ की वेबसाइट पर खोजने पर वाहन को एजी एन्वायरों प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पंजीकृत पाया गया है। मनपा के जिम्मेदार अधिकारी और एजी एन्वायरों कंपनी के प्राेजेक्ट डायरेक्टर से पूछताछ करने पर जल्द ही नंबर प्लेट लगाने और सुरक्षा इंतजाम करने का भरोसा दिलाया गया, लेकिन सवाल यह है कि राज्य में पिछले कुछ समय से हिट एन्ड रन समेत वाहनों से दुर्घटना की घटनाएं सुर्खियों में हैं।

दोनों कंपनी के वाहनों की जांच

महानगरपालिका की अतिरिक्त आयुक्त आंचल गोयल ने 31 मई को शहर में कचरा संकलन की जिम्मेदारी संभालने वाली दोनों कंपनियों के वाहनों की जांच की। घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष के उपायुक्त डॉ. गजेन्द्र महल्ले, विभागीय अधिकारी रोहिदास राठोड़, एजी एन्वायरों के डॉ. समीर टोनपे, प्रवीण चव्हाण, बीवीजी इंडिया के खेम गजभिये और जोन के स्वच्छता अधिकारियों की उपस्थिति में कई घंटों तक वाहनों की जांच की गई। निरीक्षण के दौरान घरेलू कचरा वाहनों की स्थिति, वाहनों में विलगीकरण बाक्स, खतरनाक अपशिष्ट का बाक्स, जीपीएस ट्रेकर, साउंड सिस्टम और रंग-रोगन को लेकर जांच की गई। दोनों कंपनियों के 338 वाहनों में सूखा कचरा और 336 वाहनों में गीला कचरा के लिए कंपार्टमेंट, 318 वाहनों में खतरनाक अपशिष्ट के लिए रेड डस्टबिन, 315 वाहनांे में टॉप कवर और 227 वाहनों में सार्वजनिक सूचना व्यवस्था पाई गई। इसके साथ ही 335 वाहनों को कचरा चिह्नित रंग-रोगन पाया गया। स्वीपिंग वाहनों में ए. जी. एन्वायरो इन्फ्रा के 32 बी.वी.जी. इंडिया लिमिटेड के 23, स्वच्छता वाहन ए.जी. के 51 और बीवीजी के 36 पाए गए हैं। दोनों कंपनियों के 525 वाहनों की जांच की गई।

निरीक्षण के बाद भी बुरे हाल में वाहन कैसे : शहर की दोनों कचरा कंपनियों के कडाई से वाहनों के निरीक्षण का दावा हो रहा है। दोनों कंपनियों को मामूली कमियों को पूरा करने के लिए 1 माह की समयावधि भी दी गई है। ऐसे में सवाल यह है कि ऐसे जर्जर और बुरे हाल के साथ ही बुनियादी नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहनों को लेकर अधिकारियों ने लापरवाही क्यों बरती है। अब इन वाहनों के सड़कों पर दौड़ने और दुर्घटना होने पर जिम्मेदारी कौन लेगा।

एक माह में खामियों को दूर करने का निर्देश

डॉ. गजेन्द्र महल्ले, उपायुक्त, घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष, मनपा के मुताबिक शहर में दो कंपनियों को 10 जोन में कचरा संकलन की जिम्मेदारी दी गई है। इन कंपनियों के वाहनों को लेकर अकसर शिकायतें आती रही हैं। ऐसे में अतिरिक्त आयुक्त आंचल गोयल ने स्वयं 31 मई को वाहनों की व्यवस्था का निरीक्षण किया है। कुछ वाहनों में खामियों को दूर करने के लिए एक माह की समयावधि दी गई है। समयावधि में कमी पूरी नहीं होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगंी।

जल्द लगाएंगे नंबर प्लेट

डॉ. समीर टोनपे, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एजी एन्वायरों प्रा.लि. के मुताबिक इस वाहन को स्वीपिंग व्हीकल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। रंग-रोगन नहीं होने से थोड़ी परेशानी है। इसके साथ ही वाहन को नंबर प्लेट भी नहीं है। जल्द ही वाहन को नंबर प्लेट लगा देंगे।


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