नागपुर: ग्राहक और विक्रेता में अहम सेतू है ग्राहक पंचायत - डॉ. मिश्रा
- समाज के विविध घटकों में समन्वय चाहिए
- कानून बनाने में संस्थापक सदस्यों का अहम रोल रहा
डिजिटल डेस्क, नागपुर. भारत के राज्यों के समाज के विविध घटकों में समन्वय चाहिए। मगर संघर्ष हो रहा है। समाज के सकारात्मक विकास के लिए संघर्ष मारक साबित होता है। इसे दूर करने के लिए अ.भा. ग्राहक पंचायत के कार्यकर्ताओं की भूमिका समन्वय की रही है। यही वजह है कि, यह संगठन समाज के लिए उपयोगी साबित हुआ है। यह विचार वैद्यकीय शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत तथा दत्ता मेघे उच्चशिक्षा एवं संशोधन विश्वविद्यालय नागपुर के प्र. कुलगुरु डॉ. वेदप्रकाश मिश्रा ने रखे। नागपुर के धंतोली स्थित अहिल्यादेवी मंदिर के सभागृह में आयोजित अ.भा. ग्राहक पंचायत के विदर्भ प्रांत के स्वर्ण महोत्सव उद्घाटन समारोह में उद्घाटक के रूप में वे बोल रहे थे। इस समय राष्ट्रीय अध्यक्ष एड. नारायणभाई शाह, विख्यात वित्त विशेषज्ञ अनिल बोकील, ग्राहक पंचायत के अ.भा. संगठन मंत्री दिनकर सबनीस, सहसचिव जयंतीभाई कथेरिया, प्रांताध्यक्ष डॉ. नारायण मेहरे, समारोह समिति अध्यक्ष अजय मूंधड़ा, उपाध्यक्ष विजय जाधव आदि मंच पर उपस्थित थे।
कानून बनाने में संस्थापक सदस्यों का अहम रोल रहा
डॉ. मिश्रा ने बिंदु माधव जोशी, बापू महाशब्दे, राजाभाऊ कोपली को याद करते हुए कहा कि, ग्राहक संरक्षण कानून निर्माण में ग्राहक पंचायत के संस्थापक सदस्यों का अहम रोल था। उसके बाद ग्राहक पंचायत द्वारा सूचित कई ग्राहकोपयोगी बातें ग्राहक संरक्षण कानून में शामिल हुईं। जिससे यह कानून अधिक समृध्द और ग्राहकाभिमुख हुआ है। अध्यक्ष नारायणभाई शाह ने स्वर्ण जयंती वर्ष में ग्राहक प्रबोधन के विविध उपक्रम की जानकारी दी। सभी कार्यकर्ताओं को इसके लिए काम करने का आह्वान उन्होंने किया। गत 50 वर्ष में क्या काम हुए, इसकी जानकारी दी। ग्राहक पंचायत कार्यकर्ता गांव वहां, ग्राहक पहुंचाकर कार्य करें। शुरुआत में भारतमाता और स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का पूजन, दीपप्रज्वलन किया गया। इस समय प्रांत सचिव नितीन काकडे, संगठन अजय गाढे, तृप्ति आकांत, हितेश सेठ, अनिल शेंडे, अजय धर्माधिकारी, विलास ठोसर, प्रकाश भुजाड़े, नरेंद्र कुलकर्णी आदि उपस्थित थे। डॉ. मेहरे ने प्रस्तावना रखी। संचालन डॉ. जयश्री सातवकर ने किया। इस समय संजय जोशी ने गीत प्रस्तुत किया। आभार सचिव काकडे ने माना। इस अवसर पर केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य, विदर्भ के 11 जिलों के पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।