नागपुर: सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन के दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब
- अल मस्जिद उल बुरहानी के बाहर लगी अकीदतमंदों की लंबी कतारें
- गर्मजोशी से किया गया स्वागत
- 26 से विदर्भ के दौरे पर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। दाऊदी बोहरा समुदाय के 53वें धर्मगुरु सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन रविवार को चंद्रपुर से नागपुर पहुंचे। सदर स्थित अल मस्जिद उल बुरहानी के बाहर सैयदना के दर्शन के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी। मस्जिद में प्रवेश के लिए लंबी कतारें लगी रहीं। सैयदना साहब की एक झलक पाने के लिए लोग बेताब थे। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक में भारी उत्साह था। सैयदना साहब ने मगरीब की नमाज पढ़ाई जिसमें बड़ी संख्या में अकीदतमंद उपस्थित थे।
गर्मजोशी से किया गया स्वागत
धर्मगुरु सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब का रविवार की सुबह से लोग इंतजार कर रहे थे। दोपहर करीब 2.30 बजे चंद्रपुर से कार द्वारा माउंट रोड सदर स्थित अल मस्जिद उल बुरहानी में आगमन हुआ। इस दौरान ताहा भाई साहब हकीमुद्दीन, नजमुद्दीन भाई फिदवी सचिव नागपुर जमात, शब्बीर हुसैन सैफी आमिल साहब, जैनुद्दीन फिदा हुसैन खंबाती आमिल साहब, सिराज भाई जरीवाला, हातिम भाई धामनगांववाला और समुदाय के वरिष्ठ सदस्यों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। आकर्षक लाइटिंग से मस्जिद जगमगा उठा। मस्जिद परिसर में भव्य वाटरप्रूफ पंडाल डाला गया है जिसमें हजारों लोग एकसाथ बैठ सकते हैं।
बाहरगांव से भी पहुंचे लोग
धर्मगुरु सैयदना साहब के दर्शन के लिए नागपुर शहर नहीं, बल्कि पूरे विदर्भ और बाहर से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। इनमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल थे। सैयदना साहब के आगमन से लोगों में उत्साह देखते ही बनता था।
26 से विदर्भ के दौरे पर
उल्लेखनीय है कि सैयदना साहब 26 दिसंबर से विदर्भ दौरे पर हैं। 26 दिसंबर की दोपहर को नागपुर विमानतल पर आगमन के बाद कार से अमरावती के लिए रवाना हुए। विदर्भ की यात्रा के दौैरान मूर्तिजापुर, अकोला, वाशिम, हिंगोली, वर्धा और चंद्रपुर में समुदाय के सदस्यों से मुलाकात कर धर्मोपदेश और समुदाय के सदस्यों को नेक रास्ते पर चलने का संदेश दिया। उनके सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक मामलों पर मार्गदर्शन किया। मस्जिद का उद्घाटन भी किया।
शहर में पांच बोहरा मस्जिदें
दाऊदी बोहरा समुदाय के लगभग 6500 लोग नागपुर में बसेे हैं। अधिकांश लोग इतवारी, शांति नगर, मंगलवारी, सदर और जाफर नगर में रहते हैं। शहर में पांच बोहरा मस्जिदें और एक अत्याधुनिक स्कूल, एमएसबी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट हैं। शहर में समुदाय के सदस्यों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हार्डवेयर और निर्माण सामग्री, व्यापार, विनिर्माण, आईटी और निर्माण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमी और व्यवसायी हैं।
समुदाय के समृद्ध लोग करते हैं दान, नाम नहीं बताया जाता
रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय एक टाइम खाना खाते हैं। बोहरा समाज के लोग क्या खाएंगे, इसका भी मेन्यु तैयार किया जाता है। समाज के गुरु सैयदना साहब के निर्देश पर इसे तैयार किया जाता है। शाम को बोहरा समाज की मस्जिदों के जमातखाने में ही यह खाना बनता है। सभी लोग एक साथ बैठकर खाना खाते हैं। इसके लिए समाज के समृद्ध लोग दान देते हंै, लेकिन किसी को भी दानदाताओं का नाम नहीं बताया जाता है।