हाईकोर्ट: पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर को अदालत का आदेश, जरीपटका आरओबी का निरीक्षण करें
- जरीपटका आरओबी और मेकोसाबाग सीएमपीडीआई फ्लाईओवर का मामला
- पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर को निरीक्षण का आदेश
डिजिटल डेस्क, नागपुर. जरीपटका रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) और मेकोसाबाग से सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआई) फ्लाईओवर इन दोनों परियोजनाओं की तकनीकी त्रुटियों को ठीक करने की मांग करते हुए बाम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर हुई है। इस मामले में न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी के कार्यकारी अभियंता को जरीपटका आरओबी का निरीक्षण कर तीन सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
खंडपीठ में सामाजिक कार्यकर्ता रमेश वानखेड़े ने यह जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि इटारसी-जरीपटका रेलवे फ्लाईओवर के संदर्भ में पुराने नक्शे में किए बदलाव के कारण नजूल ले-आउट कॉलोनी के नागरिकों का यातायात मार्ग ही बंद हो गया है। कोर्ट ने दोनों परियोजनाओं के तकनीकी निरीक्षण के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। पिछली सुनवाई में कोर्ट के आदेश के अनुसार समिति ने दोनों परियोजनाओं का निरीक्षण करते हुए रिपोर्ट पेश की थी। जरीपटका एप्रोच और सर्विस रोड की यातायात सुचारू हो सके इसके लिए रास्तों का दोनों तरफ से विस्तार करने के लिए अतिरिक्त जमीन उपलब्ध हो सकती है, क्या इस क्षेत्र में दो से तीन मीटर मुस्लिम और ईसाई कब्रिस्तानों की जमीन का अधिग्रहण किया जा सकता है? इन संभावनाओं की जांच की जा सकती है, यह समिति ने पीडब्ल्यूडी और मनपा को सिफारिश की थी। कोर्ट ने समिति के सिफारीश को ध्यान में लेते हुए मनपा को जवाब दायर करने के आदेश दिया था। इस मामले पर हुई सुनवाई में कोर्ट ने उक्त आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता की ओर से एड. शशिभूषण वाहाणे ने पैरवी की। इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को रखी है।