श्रम आयुक्तालय में गुहार: अधिकारियों के आपसी विवाद में पिस गए ठेका कामगार, काम से हटा दिया गया
- कर्मचारी को काम से हटाया
- विरोध में लगाई श्रम आयुक्तालय में गुहार
- अधिकारियों के विवाद में पिसा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सेमीनरी हिल्स सीजीओ स्थित भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण में अधिकारियों के बीच जारी विवाद में ठेका कामगारों को काम से हटाने का मामला सामने आया है। जिन कामगारों को हटाया गया है उनका दावा है कि फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सामने बयान देने से नाराज होकर महिला अधिकारी ने काम से निकाल दिया है। काम से हटाने के विरोध में इन कामगारों ने केंद्रीय श्रम आयुक्तालय में गुहार लगाई है।
मुख्यालय में की थी शिकायत
सीजीओ स्थित भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण में कार्यरत महिला अधिकारी ने विभाग के पूर्व एचओडी पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत कोलकाता स्थित विभाग के मुख्यालय में की थी। मुख्यालय ने मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय फैक्ट फाइडिंग कमेटी गठित की थी। कमेटी ने नागपुर पहुंचकर मामले की जांच की। कार्यालय में कार्यरत स्थायी कर्मचारी व ठेका कामगारों के बयान दर्ज किए गए थे।
कमेटी का आश्वासन-बयान देनेवालों के साथ भविष्य में बदले की भावना से काम नहीं किया जाएगा
कमेटी ने आश्वस्त किया था कि बयान देनेवालों के साथ भविष्य में बदले की भावना से काम नहीं किया जाएगा। जांच के बाद कमेटी ने शिकायत को गलत पाया आैर पूर्व विभाग प्रमुख (एचओडी) को क्लिन चिट दी। कमेटी ने भविष्य में इसतरह की झूठी रिपोर्ट नहीं देने और बयान देनेवाले ठेका कामगारों को काम से नहीं हटाने को कहा था।
कमेटी को हमने सच्चाई बताई
जिन ठेका कामगारों ने कमेटी के सामने बयान दिया था, उन्हें एक-एक कर काम से हटाया गया। रिना बाेडे ढाई साल से काम कर रही थी। अशोक देसाई पांच साल से कार्यरत था। अभिजीत नाखले ढाई साल से कार्यरत था। नए विभाग प्रमुख के आने के बाद इन्हें एक-एक कर हटा दिया गया। ठेका कामगार रिना बोडे, अशोक देसाई व अभिजीत नाखले ने बताया कि कमेटी को हमने सच्चाई बताई। हमने किसी का पक्ष नहीं लिया, लेकिन हमें एक-एक कर काम से हटा दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व एचओडी की शिकायत करनेवाली महिला अधिकारी ने वर्तमान एचओडी से मिलकर उन्हें हटाया है।
तीनों ने केंद्रीय श्रम आयुक्तालय में गुहार लगाई है। एक अन्य ठेका कामगार अनिकेत शिंगडे ने बताया कि उसने बयान नहीं दिया था, लेकिन पूर्व एचओडी का समर्थक मानकर काम से हटाने का आरोप महिला अधिकारी पर लगाया। उसने भी केंद्रीय श्रम आयुक्तालय में गुहार लगाई है।