नागपुर: अग्निपथ योजना के विरोध में कांग्रेस का आंदोलन, 3 चरण में चलेगा अभियान
- कांग्रेस प्रवक्ता पुनिया ने कहा-सेना को ठेके पर नहीं रखा जा सकता है
- अग्निपथ योजना के विरोध में कांग्रेस का आंदोलन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना के विरोध में कांग्रेस देश भर में आंदोलन करेगी। आंदोलन के लिए 3 चरण में अभियान चलाया जाएगा। अभियान की जानकारी देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता विनीत पुनिया ने कहा है कि सेना को ठेका पर नहीं रखा जा सकता है। सेना में भर्ती की पुरानी प्रक्रिया ही कायम रहनी चाहिए। केंद्र सरकार ने अग्निवीर भर्ती के मामले में देश के लाखों युवाओं को स्वप्न तोड़ने व भविष्य बर्बाद करने का कार्य किया है। गुरुवार को रविभवन में पत्रकार वार्ता में पुनिया बोल रहे थे। पुनिया ने कहा-वर्ष 2019 व 2022 के बीच नियमित भर्ती अभियान में भारतीय थल सेना, नौसेना व वायुसेना में 1.50 युवाओं ने भर्ती प्रक्रिया पूरी की थी। लेकिन केंद्र सरकार ने सशस्त्र बलों पर अग्निपथ योजना थोपने के बाद उन युवाओं को भर्ती से वंचित कर दिया। कांग्रेस ने जय जवान अभियान आरंभ किया है।
मांग की गई है कि अग्निपथ योजना लागू होने के बाद जो 1.50 युवा सेना में भर्ती से वंचित हुए उन्हें भर्ती दी जाए। सैन्य बलों के लिए पिछली भर्ती प्रणाली बहाल करें। जय जवान अभियान के अंतर्गत 20 मार्च तक जनसंपर्क किया जाएगा। 30 लाख परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। दूसरे चरण में रक्षा परिवारों से न्याय पत्र भरवाकर उनसे युवाओं के समर्थन में आंदोलन में शामिल होने का अनुरोध किया जाएगा। यह अभियान 5 से 10 मार्च तक चलेगा। तीसरे चरण में जिला स्तर पर 50 किलोमीटर की पैदल यात्रा निकाली जाएगी। पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे, जिला अध्यक्ष राजेंद्र मुलक, उद्योग व्यापारी सेल के प्रदेश अध्यक्ष अतुल कोटेचा, कमलेश समर्थ, प्रशांत धवड, नंदा पराते उपस्थित थे
भाजपा केवल नैरेटिव तैयार कर रही है
कांग्रेस प्रवक्ता पुनिया ने कहा कि दबाव की राजनीति के बाद भी भाजपा स्वयं को असुरक्षित मान रही है। वह जानती है कि किसान, महिला, युवा सहित हर वर्ग में असंतोष है। लिहाजा वह वास्तविकता से ध्यान भटकाने के लिए नैरेटिव तैयार करती रहती है। उत्तराखंड में समान नागरिकता कानून भी भाजपा को लग रही असुरक्षितता का हिस्सा है। भाजपा गठबंधन के विरोध में इंडिया गठबंधन मजबूत हो रहा है। इंडिया गठबंधन में शामिल दलों में तालमेल है। चुनाव लड़ने के लिए अधिक सीटों की मांग होते रहती है।