तैयारी: कचरे की अब हाईटेक निगरानी

कचरा कंपनियों की मनमानी पर अंकुश लगाने की पहल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-18 09:19 GMT

नीरज दुबे , नागपुर। शहर में कचरा संकलन के लिए नियुक्त दो कंपनियों की लापरवाही को लेकर शिकायत मिलती रहती हैं। शहर में कचरे के ढेर जमा होने, घरों से कचरा उठाने में लापरवाही समेत मिट्‌टी मिलाकर वजन बढ़ाने पर महानगरपालिका कार्रवाई नहीं कर पा रही है। ऐसे में अब मनपा की अतिरिक्त आयुक्त आंचल गाेयल की पहल पर हाईटेक निगरानी का प्रस्ताव बनाया गया है।

कैसी होगी व्यवस्था : साल 2019 में दो कंपनियों को घरों से कचरा संकलन कर भांडेवाड़ी तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है। 1 से 5 जोन की जिम्मेदारी एजी एन्वायरो कंपनी और 6 से 10 क्रमांक जोन की जिम्मेदारी बीवीजी इंडिया प्राइवेट लिमीटेड को दी गई है। प्रत्येक कंपनी ने 400 छोटे वाहन समेत करीब 100 बड़े वाहनों को लगाया हुआ है। इन वाहनों में जीपीएस उपकरण लगाए गए हैं, जिससे दोनों कंपनियों को अपने वाहनों की जानकारी मिलती है, लेकिन मनपा के पास जानकारी नहीं पहुंच पाती है। संकरी गलियों से संकलन के लिए दोनो कंपनी ने करीब 140 रिक्शा भी लगाए हैं। ऐसे में अब वाहनों की जीपीएस से मनपा को भी निगरानी करने की सुविधा मिलेगी।

दोनों कंपनी से 4 माह में 1 करोड़ 22 लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया : पिछले 4 माह में दोनों कंपनियों से 1 करोड़ 22 लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया है। कचरा संकलन में लापरवाही, संकलन वाहनों में खराबी और घरों से विलगीकृत कचरा नहीं लेने को लेकर दंडात्मक कार्रवाई की गई है। धरमपेठ, लक्ष्मीनगर, धंतोली समेत संभ्रांत इलाकों में लापरवाही को लेकर एजी एन्वायरों पर 4 माह में 74.34 लाख रुपए जुर्माना किया गया है, इसमें जुलाई में 19.25 लाख रुपए, अगस्त में 20.6 लाख रुपए, सितंबर में 20.25 लाख रुपए और अक्टूबर में 14.76 लाख रुपए समेत कुल 74.34 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है। वहीं दूसरी ओर बीवीजी इंडिया को भी 48.16 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है, इसमें जुलाई में 14.91 लाख रुपए, अगस्त में 10.71 लाख रुपए, सितंबर में 10.13 लाख रुपए और अक्टूबर में 12.40 लाख रुपए समेत कुल 48.16 लाख रुपए का समावेश है।

यह है योजना : दोनों कंपनी के 800 से अधिक कचरा संकलन के वाहनों की जीपीएस को मनपा के इंटीग्रेटेड साफ्टवेयर से जोड़ा जाएगा। इस व्यवस्था से प्रत्येक घर तक वाहन के पहुंचने, ठहरने, कचरा संकलन के बाद निकलने तक की स्पष्ट जानकारी दर्ज होगी। वाहनों और कर्मचारी की आेर से बगैर कचरा संकलन के घर को छोड़ने अथवा नहीं पहुंचने पर मनपा को अलर्ट मिलेगा। वाहनों की 90 फीसदी से कम पहुंच होने पर कंपनी पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। मनपा के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग से साफ्टवेयर को अंतिम रूप दिया जा रहा है। दिसंबर माह में दोनों कंपनियों के चुनिंदा वाहनों से प्रायोगिक तौर पर नई प्रणाली को लागू करने का प्रयास किया जा रहा है।

कचरा संकलन का पूरा विवरण मिलेगा : पिछले एक माह से मनपा के घनक चरा व्यवस्थापन विभाग से कचरा संकलन की व्यवस्था का सर्वेक्षण आरंभ किया गया है। मनपा के सफाई निरीक्षक और कंपनी के सुपरवाइजर के साथ प्रत्येक घर और वाहनों के कचरा संकलन व्यवस्था का भौगोलिक देशांतर (लांगटियुड) और अक्षांश (लेटिटयुड) की गणना की जा रही है। इस सर्वेक्षण में वाहनों के पहुंचने, 30 सेकंड से 1 मिनट तक घरों के समीप ठहरने की समयावधि और निकलने की प्रक्रिया का पूरा मूल्यांकन किया जा रहा है। इस गणना को इंटीग्रेटेड सॉफ्टवेयर में दर्ज कराया जा रहा है। सॉफ्टवेयर के क्रियान्वयन के बाद वाहनों की प्रतिदिन की घरों तक पहुंचने की स्थिति और कचरा संकलन का पूरा विवरण मिल सकेगा। प्रति वाहन को 150 घरों तक पहुंचने की प्रक्रिया में लापरवाही करने अथवा 90 फीसदी से कम पहुंच होने पर कंपनी पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएंगी।

दोनों कंपनी का स्पष्ट डाटा मिलेगा : इंटीग्रेटेड साफ्टवेयर की सहायता से दोनों कंपनी के वाहनों की जीपीएस निगरानी होगी। प्रत्येक वाहन के घरों तक पहुंचने, ठहरने और निकलने की व्यवस्था का पूरा डाटा सॉफ्टवेयर पर मिलेगा। नई व्यवस्था से वाहनों के पहुंचने की निगरानी के साथ नागरिकों की समस्या भी दूर होगी। -डॉ. गजेन्द्र महल्ले, उपायुक्त, घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष, मनपा

कचरा कंपनी पर अंकुश : शहर में प्रतिदिन करीब 1200 मीट्रिक टन कचरा संकलन करने का दावा होता है। हालांकि कचरा उठाने में कोताही और घरों तक पहुंचने की भी शिकायतें मिलती है। एजी एन्वायरो कंपनी ने कचरे का वजन बढ़ाने के लिए कई स्थानों पर छोटे डंपिग यार्ड बनाए हैं। इतना ही नहीं खामला, सिविल लाइन और अंबाझरी में कचरे को जमीन पर डालकर मिट्‌टी मिलाए जाने की भी जानकारी मिली है, लेकिन वाहनों की जीपीएस लोकेशन साझा नहीं होने से मनपा प्रशासन कार्रवाई कर पाने में असमर्थ हो जाता है। हाईटेक व्यवस्था से दोनों कंपनियों पर पूरी निगरानी संभव होगी।

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