शिक्षा: क्लस्टर यूनिवर्सिटी से बढ़ेगी विद्यार्थियों में रचनात्मकता
शैक्षणिक संस्थानाें में आएगी सहयोग की सुगमता
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नई शिक्षा नीति में छात्रों को स्नातक में एक मुख्य विषय के साथ अन्य विविध संकायों के विषय लेकर पढ़ाई करने की सुविधा मिलने वाली है। छात्र विविध विषयों की पढ़ाई कर सकें इसलिए राज्य के तकनीकि व उच्च शिक्षा विभाग ने क्लस्टर यूनिवर्सिटी (समूह विश्वविद्यालय) स्थापन करने के लिए दिशानिर्देश परिभाषित किए हैं। 5 कॉलेज मिलकर एक क्लस्टर यूनिवर्सिटी बनने वाली है। इससे एक ओर छात्रों को मनपसंद विषय पढ़ने को मौका मिलेगा वहीं दूसरी ओर गुणवत्ता और रचनात्मकता में वृद्धि होगी। बहुविषयक शिक्षा के माध्यम से छात्रों में शैक्षणिक लचीलापन आयेगा। साथ ही शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग की सुगमता होगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप, राज्य सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और कौशल के बदलते परिवेश का उपयोग करके बहु-विषयक पाठ्यक्रमों को लागू करके छात्रों को समग्र और व्यापक शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य में क्लस्टर यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए तकनीकि व उच्च शिक्षा विभाग ने दिशानिर्देश परिभाषित किए हैं। विद्यापीठ अनुदान आयोग ने सितंबर 2022 में उच्च शिक्षा संस्थानों को बहुविषयक संस्थानों में बदलाव करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए। इन दिशानिर्देशों का पालन करते हुए अब राज्य क्लस्टर यूनिवर्सिटी बनाई जाने वाली है।
फिलहाल राज्य में तीन क्लस्टर यूनिवर्सिटी : राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत उच्च-कार्यक्षम संस्थानों को क्लस्टर यूनिवर्सिटी में बदलाव करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इसके अंतर्गत फिलहाल राज्य में डॉ. होमी भाभा राज्य विद्यापीठ मुंबई, हैदराबाद सिंध नेशनल कॉलिजिएट विद्यापीठ मुंबई और कर्मवीर भाऊराव पाटील विद्यापीठ, सातारा यहां क्लस्टर यूनिवर्सिटी काम कर रही है।
न्यूनतम 2 अधिकतम 5 कॉलेजों का क्लस्टर : राज्य सरकार द्वारा क्लस्टर यूनिवर्सिटी बनाने के लिए जारी किए जरूरी नियमों के अनुसार, एक जिले में न्यूनतम 2 और अधिकतम 5 कॉलेजों को मिलाकर क्लस्टर यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी। इसमें एक काॅलेज अनुदानित होना जरूरी है। इसके अलावा एक प्रमुख कॉलेज 20 सालों से कार्यरत रहना चाहिए।
कृषि और स्वास्थ विज्ञान शामिल नहीं :इस क्लस्टर यूनिवर्सिटी में कृषि और स्वास्थ्य विज्ञान पाठ्यक्रमों को छोड़कर उच्च और तकनीकि शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी पारंपरिक और व्यावसायिक कॉलेज शामिल होने के लिए पात्र रहेंगे।
जल्द ही नीति बनेगी : राष्ट्रीय उच्च-स्तर शिक्षा अभियान द्वारा परिभाषित किए गये दिशानिर्देश और राज्य में तीन क्लस्टर यूनिवर्सिटी के कार्यान्वय से प्राप्त अनुभव से क्लस्टर यूनिवर्सिटी के बारे में नीति बनाने को लेकर राज्य ने दिशानिर्देश निश्चित किए हैं।