नागपुर: हवा में शुद्ध हवा के दावे - 89.12 करोड़ की योजना, गुणवत्ता पर उठे सवाल

  • मनपा आयुक्त डॉ. चौधरी ने समीक्षा बैठक में लगाई फटकार
  • कहा- नहीं चलेगी कछुआ गति
  • अभी तक ठोस योजना नहीं बन सकी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-18 09:50 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. महानगरपालिका की तमाम घोषणाओं के बाद भी शहर की आबोहवा में धूलकणों की मात्रा बढ़ रही है। करीब 4 माह पहले न्यायालय के साथ ही केन्द्र सरकार के निर्देश पर मनपा ने प्रदूषण निर्मूलन उपाय योजना की घोषणा की थी, लेकिन क्रियान्वयन होता नजर नहीं आ रहा है। वहींस अमरावती रोड, पारडी चौक, महल, सिविल लाइन्स समेत अनेक इलाकों में निर्माणकार्य स्थल के समीप धूल के गुबार नजर आ रहे हैं। शुक्रवार को प्रदूषण निर्मूलन अभियान को लेकर मनपा आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी ने समीक्षा बैठक में नई उपाय योजना करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है।

अभी तक ठोस योजना नहीं

शहर में वायु प्रदूषण उपाय योजना करने के लिए 15वें वित्त आयोग से 132.85 करोड़ की निधि मनपा को प्राप्त हुई है, लेकिन कछुआ गति से उपाय योजना के चलते शहर में प्रदूषण निर्मूलन अब भी नहीं हो पा रहा है। मनपा प्रशासन की ओर से अब तक 43.73 करोड़ रुपए के इस्तेमाल को लेकर ठोस योजना तक नहीं बनाई गई है, जबकि 89.12 करोड़ रुपए की योजनाएं अब भी कछुआ गति से चल रही हैं।

जल्द पूरा करने के निर्देश

मनपा आयुक्त अभिजीत चौधरी ने शनिवार को मनपा मुख्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में उपाय योजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है। बैठक में मनपा के उपायुक्त रवींद्र भेलावे, अधीक्षक अभियंता मनोज तालेवार, डॉ. श्वेता बनर्जी, कार्यकारी अभियंता अल्पना पाटने, परिवहन अधिकारी रवींद्र पागे, अभियंता संदीप लोखंडे, सहायक आयुक्त (यातायात) जयेश भंडारकर, नीरी की वरिष्ठ वैज्ञानिक संगीता गोयल, एमपीसीबी के राजेंद्र पाटिल और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के डॉ संदीप नारनवरे समेत अन्य उपस्थित थे।

शहर में खतरनाक स्थान

शहर में रास्तों के निर्माणकार्य, वाहनों की बढ़ती संख्या और व्यापक उपाय योजना के अभाव में वायु प्रदूषण के लगातार नए हॉट स्पॉट बन रहे हैं। मनपा आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी ने पर्यावरण विभाग को शहरी क्षेत्र में प्रदूषण वाले हॉट स्पॉट का नए सिरे से सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है। मनपा की ओर से पारडी नाका चौराहा, कलमना, महल, इतवारी, सतरंजीपुरा, दही बाजार, एमआईडीसी हिंगना, मानेवाड़ा, सदर मंगलवारी, सीताबर्डी और सुगत नगर, जरीपटका को प्रदूषण वाले हॉट स्पॉट के रूप में चिन्हित किया जा चुका है। हालांकि इसके अलावा भी शहर में अनेक इलाकों और रास्तों समेत अन्य निर्माण स्थलों पर हवा और धूल से शहर में वायु प्रदूषण बेहद खराब स्तर पर पहुंच रहा है।

विभिन्न प्रावधान कुछ इस प्रकार हैं

132.85 करोड़ की निधि मनपा को मिली

144 इलेक्ट्रिक बसों की होनी है खरीदी

72.3 करोड़ चार्जिंग स्टेशन के लिए

15 करोड़ से डिवाइडर, हरित क्षेत्र विकास

35 करोड़ पेविंग ब्लॉक लगाने के लिए

5.83 करोड़ विकसित शवदहन गृह के लिए

4.46 करोड़ रुपए धूल शमन के लिए

उपाय योजना की गति मंद

मनपा की वायु प्रदूषण निर्मूलन उपाय योजना में करीब 89.12 करोड़ रुपए से 144 इलेक्ट्रिक बसों की खरीदी, तीन स्थानों पर हरियाली विकसित करने, पांच स्थानों पर सड़कों की ब्लैक टॉपिंग, अत्यधिक प्रदूषण करने वाले 3 श्मशानघाट (गंगाबाई घाट, मोक्षधाम और मानेवाड़ा) में वायु प्रदूषण नियंत्रण इकाइयों की स्थापना, 4 आटोमेटिक रोड स्वीपिंग मशीन खरीदी को शामिल किया है, लेकिन परिवहन विभाग को ई-बसें की अब तक पूरी तरह से आपूर्ति नहीं हो पाई है।

इसके अलावा दहनघाट में प्रदूषणमुक्त उपकरणों को लगाने की योजना में भी कई मर्तबा बदलाव हो चुका है। रास्तों के डिवाइडर और ब्लैक टैपिंग को लेकर भी क्रियान्वयन होता नजर नहीं आ रहा है।

सबसे महत्वपूर्ण यह है कि केन्द्र और राज्य सरकार के निर्देश पर मनपा प्रशासन ने शहर में धूल पैदा करने वाले इलाकों और निर्माणकार्य स्थलों पर जल छिड़काव की घोषणा की थी, लेकिन अमरावती रोड, पारडी चौक, भंडारा रोड, महल, जगनाड़े चौक, सिविल लाइन्स, वर्धा रोड पर निर्माणाधीन इलाकों में कोई भी व्यवस्था नहीं होने से धूल का वातावरण बन गया है।


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